दिल्ली की एक अदालत ने छह साल के एक लड़के का अपहरण करने और उसका यौन शोषण करने पर 20 वर्षीय एक युवक को पांच साल जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने युवक को सजा सुनाते हुए कहा कि बच्चे महत्वपूर्ण पूंजी हैं और किसी देश का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि कैसे उनका विकास होता है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम मनन ने कहा, ‘‘बच्चों के कल्याण और उनकी खैरियत की अवधारणा किसी भी सभ्य समाज के लिए बुनियादी बातें हैं और इसका समूचे समुदाय की सेहत और खैरियत, उसकी वृद्धि और विकास पर सीधा प्रभाव पड़ता है।’’
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘बच्चे सर्वोच्च महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संपत्ति हैं और राष्ट्र का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि कैसे बच्चों का पालन-पोषण होता है और उनका विकास होता है।’’ अदालत ने पीड़ित के माता-पिता को 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया और दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए), उत्तर जिला को निर्देश दिया कि वह उन्हें वह राशि प्रदान करे।
अदालत ने युवक राम अवतार गिरि पर आईपीसी की धारा 363 (अपहरण) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 के तहत अपराधों के लिए उस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। पुलिस के अनुसार पीड़ित के चाचा ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि राम बच्चे को अपने साथ ले गया था, जब वह उसे 22 दिसंबर 2012 को बाजार जाने के लिए एक बाग के निकट छोड़कर गए थे।
बच्चे की आवाज सुनने पर वह बाग की तरफ भागे और कुछ देर बाद उसे निर्जन स्थान पर पाया और उसके सारे कपड़े उतरे हुए थे। राम बच्चे को पकड़े हुए था और उसके मुंह में शराब डाल रहा था। मुकदमे के दौरान राम ने अपने खिलाफ आरोपों का खंडन किया था और दावा किया कि उसे फंसाया गया।
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