बंगाल पुलिस ने मध्य कोलकाता के बेनियापुकुर इलाके से खुद को सरकारी अधिकारी बताने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बुधवार को इस घटनाक्रम का खुलासा किया.यह गिरफ्तारी शहर में फर्जी कोविड टीकाकरण शिविरों में जारी जांच के बीच हुई है जिनका आयोजन फर्जी आईएएस अधिकारी देबांजन देब ने किया था. यह गिरफ्तारी मंगलवार रात को हुई जब पुलिस ने बेनियापुकुर में नाके पर वीआईपी स्टिकर लगे एक एसयूवी को रोका जिसमें ‘केंद्रीय निगरानी आयोग' का बोर्ड और नीले रंग की बत्ती लगी हुई थी. फेक वैक्सीनेशन कैंप को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट ने भी ममता सरकार से जवाब मांगा है.
कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वाहन के भीतर बैठे व्यक्ति ने पहले कहा कि वह केंद्रीय सतर्कता आयोग का एक अधिकारी है. फिर उसने अचानक अपनी बात बदल दी और कहा कि वह नार्कोटिक्स सेल का अधिकारी है, लेकिन वह कोई पहचान-पत्र नहीं दिखा पाया और हमें लगातार धमकी और चुनौती देता रहा. पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि 25-56 साल का युवक पार्क स्ट्रीट इलाके का निवासी है. अधिकारी ने बताया कि उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की लेकिन कॉलेज बीच में ही छोड़ दिया. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने किसी व्यक्ति को ठगा भी है. हम उसके परिवार के सदस्यों से भी बात कर रहे हैं.
इससे पहले केंद्र सरकार ने बंगाल में फर्जी टीकाकरण के मामले में दो दिन में ममता सरकार से जवाब मांगा था. केंद्र ने ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है. कोरोना वैक्सीन में धोखाधड़ी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बंगाल के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर यह निर्देश दिया है. विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने बंगाल में फर्जी वैक्सीनेशन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय शिकायत की थी. शिकायत में कहा गया था कि कोलकाता में फर्जी तरीके से वैक्सीनेशन कैंप लगाए जा रहे हैं. जिनको टीका दिया जा रहा है उन्हें कोविन प्लेटफार्म के जरिए कोई सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है.
उधर, महाराष्ट्र में 2040 लोगों को फर्जी वैक्सीनेशन केंद्रों पर कोरोना का टीका लगने का खुलासा हुआ है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि कुल 2040 लोगों का फेक वैक्सीनेशन कैम्पों में टीका लगा था. उन्हें वैक्सीन की जगह महज नमक का पानी दिया गया था. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस फर्जीवाड़े में कुल 10 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. इन सभी पीड़ितों का जुलाई के पहले हफ्ते में एंटीबॉडी टेस्ट कराया जाएगा. फिर इन सभी 2040 लोगों को असली टीका दिया जाएगा. मुंबई में इन फेक वैक्सीनेशन कैंप ( Mumbai Fake Vaccination Camp) के मामले में डॉ. मनीष त्रिपाठी ने कांदिवली पुलिस के समक्ष मंगलवार को सरेंडर कर दिया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं