 
                                            ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
                                                                                                                        - ममता ने कहा पटरी से उतरी व्यवस्था के लिए पीएम के पास कोई समाधान नहीं
- 'मोदी बाबू जानते हैं कि नोटबंदी अब बेपटरी हो गई है'
- ममता ने पीएम के लिए कहा 'उन्होंने देश में ‘आर्थिक संकट’ पैदा कर दिया है'
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                                                                                कोलकाता: 
                                        नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा कि ‘भाषण’ देने के अलावा उनके पास ‘पटरी से उतरी इस व्यवस्था’ के लिए कोई समाधान नहीं है.
नोटबंदी के कारण देश का विकास और व्यापार प्रभावित होने का आरोप लगाते हुये उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री को ‘किसी पर भरोसा’ नहीं है और वह नहीं समझते हैं कि देश के लिए क्या अच्छा है.
गौरतलब है कि गुजरात के बनासकांठा में पीएम मोदी ने नोटबंदी को लेकर कहा कि पूरे देश में इस बात की चर्चा चल रही है कि नोटों को क्या होगा. आप बताएं कि 8 नवंबर से पहले 100 के नोट की कोई कीमत थी क्या.100, 50 और 20 के नोट को कोई पूछता भी नहीं था. या यूं कहें 'छोटों' को कोई पूछता नहीं था. सब 1000 और 500 की बात करते थे. 8 नवंबर के बाद गरीबों की पूछ बढ़ी. मैंने गरीब की ताकत बढ़ाने के लिए ये काम किया. देश बड़े नोटों के नीचे दबने लगा था. नोटबंदी से छोटे नोटों की ताकत ही नहीं, गरीबों की ताकत भी बढ़ी है.
                                                                        
                                    
                                गुजरात के बनासकांठा में मोदी के एक जनसभा को संबोधित करने के तुरंत बाद एक ट्वीट में उन्होंने कहा, 'मोदी बाबू जानते हैं कि नोटबंदी अब बेपटरी हो गई है. भाषण देने के अलावा उनके पास कोई समाधान नहीं है.’ ममता ने गुरुवार को कहा था कि पीएम मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उन्होंने देश में ‘आर्थिक संकट’ पैदा कर दिया है और उनके पास सत्ता में बने रहने का ‘कोई नैतिक अधिकार’ नहीं है.Modi babu knows that #DeMonetisation now derailed. Except giving bhashan, he has no solution
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 10, 2016
नोटबंदी के कारण देश का विकास और व्यापार प्रभावित होने का आरोप लगाते हुये उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री को ‘किसी पर भरोसा’ नहीं है और वह नहीं समझते हैं कि देश के लिए क्या अच्छा है.
गौरतलब है कि गुजरात के बनासकांठा में पीएम मोदी ने नोटबंदी को लेकर कहा कि पूरे देश में इस बात की चर्चा चल रही है कि नोटों को क्या होगा. आप बताएं कि 8 नवंबर से पहले 100 के नोट की कोई कीमत थी क्या.100, 50 और 20 के नोट को कोई पूछता भी नहीं था. या यूं कहें 'छोटों' को कोई पूछता नहीं था. सब 1000 और 500 की बात करते थे. 8 नवंबर के बाद गरीबों की पूछ बढ़ी. मैंने गरीब की ताकत बढ़ाने के लिए ये काम किया. देश बड़े नोटों के नीचे दबने लगा था. नोटबंदी से छोटे नोटों की ताकत ही नहीं, गरीबों की ताकत भी बढ़ी है.
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