भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नई सरकार के गठन के खिलाफ होने और आठ महीने पुरानी राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त करने के लिए नया जनादेश लेने की मांग किए जाने के साथ ही दिल्ली विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ती नजर आ रही है।
उपराज्यपाल नजीब जंग ने आज तीनों राजनीतिक दलों से मुलाकात की और संकेत हैं कि वह विधानसभा भंग करने के लिए किसी भी समय अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भेज सकते है।
भाजपा ने सरकार बनाने के लिए उपराज्यपाल के आमंत्रण को नकार दिया, जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि वे तत्काल चुनाव कराए जाने के पक्ष में हैं।
भाजपा के सतीश उपाध्याय और जगदीश मुखी, कांग्रेस के हारून यूसुफ और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल एवं मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल से मुलाकात की।
उपराज्यपाल निवास की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'उपरोक्त सभी दलों ने सरकार बनाने के प्रति अपनी असमर्थता जताई है। उपराज्यपाल राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे।'
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के दफ्तर ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि दिल्ली में कोई भी राजनीतिक दल सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है। इस संबंध में उपराज्यपाल जल्द ही अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेज देंगे। अब माना जा रहा है कि दिल्ली में चुनाव ही होंगे। ऐसा भी कहा जा रहा कि चुनाव आयोग जल्द ही राज्य की तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव को भी रद्द कर सकती है।
वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू करने के बीच आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने उनसे मुलाकात की। इससे पहले वे भाजपा का रुख जानना चाहते थे। दोनों नेताओं ने राज्य में जम्मू-कश्मीर और झारखंड के साथ चुनाव कराने की मांग भी की। वहीं, मनीष सिसोदिया ने बताया कि भाजपा ने सरकार बनाने से मना कर दिया है।
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