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This Article is From Dec 07, 2015

आयकर विभाग ने उठाए अहम कदम, अब ई-मेल के जरिए सीधे जुड़ सकेंगे करदाता

आयकर विभाग ने उठाए अहम कदम, अब ई-मेल के जरिए सीधे जुड़ सकेंगे करदाता
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
नई दिल्ली: केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग और करदाताओं के बीच ई-मेल के बीच पत्र व्यवहार को मान्यता दे दी। बोर्ड ने इसके लिए अधिसूचना जारी की है। यह कदम विभागों के काम काज में व्यक्तिगत उपस्थिति की अनिवार्यता घटाने तथा उत्पीड़न व भ्रष्टाचार की शिकायतों को दूर करने की सरकार की ई-पहल के तहत यह कदम उठाया गया है।

आयकर विभाग ने मामलों की पड़ताल की प्रक्रिया के दौरान करदाताओं को ई-मेल से ही पूछताछ, नोटिस एवं सम्मन भेजने की एक ‘पायलट परियोजना’ हाल ही में शुरू की है, इसलिए इसे पूरी तरह से लागू करने के लिए आयकर कानून में संशोधन की भी दरकार थी।

सीबीडीटी द्वारा जारी अधिसूचना 89 के मुताबिक, कुरियर, डाक या विभागीय डिस्पैच के मौजूदा माध्यमों के साथ ही करदाताओं या कर भुगतान करने वाली इकाइयों के ई-मेल को पत्र व्यवहार के आधिकारिक माध्यम के तौर पर मान्यता देने के लिए आयकर कानून की धारा 282 में संशोधन किया गया है।

इस प्रकार से, कर अधिकारी अब आयकर रिटर्न में उपलब्ध ई-मेल पते पर ई-मेल से सरकारी पत्र व्यवहार कर सकते हैं। इसी तहर करदाता पर आयकर अधिकारी या उसके द्वारा अधिकृत व्यक्ति के साथ ई-मेल के जरिए पत्र व्यवहार कर सकता है।

विभाग ने पायलट परियोजना में पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरू, अहमदाबाद और चेन्नई में 100 चयनित करदाताओं के साथ ई-मेल के जरिए उनके संबंधित मामलों में ई-मेल से सूचना एवं संपर्क किया। सीबीडीटी की पूर्व प्रमुख अनिता कपूर ने कहा था कि पहली बार की गई इस पहल का मकसद करदाताओं की सुविधा के लिए है।

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