आम आदमी पार्टी के लोकपाल पद से हटाए गए एडमिरल रामदास का मेल लीक हो गया है। ये मेल असल में पार्टी के सचिव पंकज गुप्ता और एडमिरल रामदास के बीच पिछले दो-दो दिनों में हुई मेलबाजी का नतीजा है।
एडमिरल रामदास ने सबसे पहले पार्टी से पूछा कि 'आप' बताएं कि मेरा कार्यकाल कब खत्म हुआ? एडमिरल रामदास का कहना है कि मुझसे पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौरान मार्च-अप्रैल 2014 में यूपी-हरियाणा के कुछ उम्मीदवारों की जांच कराई। क्या वह कानूनी था? (क्योंकि पार्टी दिसंबर 2013 में कार्यकाल खत्म होने की दलील दे रही है)
मेल में रामदास याद दिला रहे हैं कि जनवरी 2015 में दिल्ली चुनाव के लिए 12 उम्मीदवारों की जांच का काम भी मुझे दिया गया और मैंने वो पर्चा भरने के समय से पहले पूरा किया।
रामदास ने कहा कि मैं चकित हूं, हतप्रभ हूं और ये मेरी समझ से परे है। रामदास के मुताबिक उनका कार्यकाल नवंबर 2013 से तीन साल बढ़ाकर नवंबर 2016 तक कर दिया गया होगा इसलिए वो पार्टी के लिए काम करते रहे।
रामदास ने कहा कि पार्टी ने कई मौकों पर मेरे कामों की सराहना की इसलिए ये सही होता कि पार्टी नए लोकपाल को नियुक्त करने से पहले मुझसे सलाह मशविरा करती या मुझे सूचित करती। बजाय इसके मुझे इलैक्ट्रोनिक मीडिया से ये सब पता चला।
आम आदमी पार्टी पहले ही मीडिया से दूरी बनाकर कोई बयान किसी भी ऐसे मुद्दे पर नहीं दे रही है इसलिए पार्टी का पक्ष इस स्टोरी मे नहीं है।
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