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This Article is From Nov 05, 2012

महेश जेठमलानी का भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति से इस्तीफा

महेश जेठमलानी का भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति से इस्तीफा
नई दिल्ली: जाने-माने अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यसमिति से इस्तीफा दे दिया। उनका कहना है कि नितिन गडकरी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए वह नैतिक रूप से पार्टी को अपनी सेवा देने के लिए उपयुक्त नहीं मानते। उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि वह एक सदस्य के रूप में पार्टी में बने रहेंगे।

जेठमलानी ने गडकरी को लिखे एक पत्र में कहा, "जब तक आप अध्यक्ष हैं, मैं नैतिक और बौद्धिक रूप से पार्टी को सेवा देने के लिए स्वयं को उपयुक्त नहीं समझता।" उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा कि गडकरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप और बुद्धिमत्ता के स्तर पर दाऊद इब्राहिम व स्वामी विवेकानंद की तुलना करने वाली उनकी टिप्पणी के कारण वह राष्ट्रीय कार्यसमिति से इस्तीफा दे रहे हैं।

महेश जेठमलानी ने कहा, "जहां तक कारण का प्रश्न है, पहली बात तो यह कि गडकरी विवादों से घिरे हुए हैं। मुझे स्पष्ट जवाब नहीं मिला है, इसलिए मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया। दूसरी बात कि आज उन्होंने जो बयान दिया है उसमें बुद्धिमत्ता के स्तर पर दाऊद इब्राहिम और स्वामी विवेकानंद की तुलना की है।" उन्होंने कहा कि उनका व्यक्तिगत मत है कि गडकरी को दूसरा कार्यकाल नहीं मिलना चाहिए।

महेश ने कहा, "मैं पार्टी नेतृत्व से अनुरोध करता हूं कि मसले का हल जल्द से जल्द करे। मुझे यह कहने का अधिकार नहीं है कि उन्हें दूसरा कायर्यकाल मिलना चाहिए या नहीं, लेकिन मेरा व्यक्तिगत मत है कि उन्हें नहीं मिलना चाहिए।"

महेश जेठमलानी प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं भाजपा नेता राम जेठमलानी के बेटे हैं। कुछ दिनों पूर्व राम जेठमलानी ने गडकरी पर लगे आरोपों के मद्देनजर उनके इस्तीफे की मांग की थी।

पार्टी प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने पार्टी अध्यक्ष का बचाव करते हुए कहा कि महेश जेठमलानी का सार्वजनिक रूप से ऐसी टिप्पणी करना उचित नहीं है।

रूड़ी ने कहा, "महेश जेठमलानी के लिखे कुछ पत्र पार्टी से पहले प्रेस को दिए गए, जिनमें उन्होंने गडकरी पर आरोप लगाए हैं।" उन्होंने कहा, "भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि जो मुद्दे उठाए गए हैं, उनकी जांच करा ली जाए। सार्वजनिक रूप से इस तरह का बयान देने से पार्टी की छवि को क्षति पहुंचेगी। इस तरह यदि पार्टी का कोई व्यक्ति प्रेस को बयान देने लगे तो यह पार्टी के हित में अच्छा नहीं है।"

उल्लेखनीय है कि गडकरी पर पूर्ति कम्पनी समूह के अध्यक्ष के तौर पर अनुचित सौदा करने और किसानों की जमीन हड़पने का आरोप है।

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