
अजीत पवार (फाइल फोटो)
मुंबई:
एनसीपी विधायक और महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाले के आरोपी अजीत पवार को बुधवार देर तक एंटी करप्शन ब्यूरो के दफ्तर में रुकना पड़ा। यहां करीब छह घंटे तक उनकी जांच चली। शाम 6 बजे के आसपास अजीत पवार ACB के वरली स्थित मुख्यालय में पहुंचे थे।
सिंचाई घोटाले की जांच है एसीबी के जिम्मे
महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाले की जांच की मांग कराती याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल है। इस आधार पर सिंचाई घोटाले की जांच राज्य का एसीबी कर रहा है। एनसीपी विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के भतीजे अजीत इस मामले में आरोपी हैं। वे राज्य के सिंचाई मंत्री रह चुके हैं। उनके द्वारा लिए गए फैसलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद उन्हें जांच का सामना करना पड़ रहा है।
अजीत पवार ने की थी बचने की कोशिश
इससे पहले अजीत पवार ने जांच के लिए ACB के दफ्तर आने से बचने की सारी कोशिशें करके देख ली, लेकिन आखिरकार उन्हें बुधवार को जांच अधिकारियों के सामने पेश होना पड़ा। कथित आरोप के अनुसार, महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाला 70 हजार करोड़ रुपये का है।
जांच के बाद बाहर निकलते हुए अजीत पवार ने संवाददाताओं से कहा कि वे अब जांच में पूरा सहयोग करेंगे।
सिंचाई घोटाले की जांच है एसीबी के जिम्मे
महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाले की जांच की मांग कराती याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल है। इस आधार पर सिंचाई घोटाले की जांच राज्य का एसीबी कर रहा है। एनसीपी विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के भतीजे अजीत इस मामले में आरोपी हैं। वे राज्य के सिंचाई मंत्री रह चुके हैं। उनके द्वारा लिए गए फैसलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद उन्हें जांच का सामना करना पड़ रहा है।
अजीत पवार ने की थी बचने की कोशिश
इससे पहले अजीत पवार ने जांच के लिए ACB के दफ्तर आने से बचने की सारी कोशिशें करके देख ली, लेकिन आखिरकार उन्हें बुधवार को जांच अधिकारियों के सामने पेश होना पड़ा। कथित आरोप के अनुसार, महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाला 70 हजार करोड़ रुपये का है।
जांच के बाद बाहर निकलते हुए अजीत पवार ने संवाददाताओं से कहा कि वे अब जांच में पूरा सहयोग करेंगे।
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