महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
मुंबई:
अपने पीएस की करतूत पर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री और शिवसेना नेता डॉ दीपक सावंत को मुख्यमंत्री को सफाई देनी पड़ी है। सावंत के पीएस पर छेड़खानी के गंभीर आरोप लगे हैं। जिनकी एफआईआर लेने से पुलिस द्वारा मना करने से मामला और गंभीर हो गया है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री और शिवसेना नेता दीपक सावंत अपने पर्सनल सेक्रेटरी के कारण दिक्कत में फंस गए हैं। सावंत के पीएस के खिलाफ़ स्वास्थ्य अधिकारी महिला डॉक्टर ने छेड़खानी की गंभीर शिकायत की है। पीड़िता ने मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दी। जिसके बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में बताया कि, डॉ माली ने उन्हें 16 मार्च 2016 को केबिन में बुलाया। वहां अनाब शनाब बात की। कहा कि उन्हें गॉडफादर की जरूरत है। ये कमेंट शिकायतकर्ता महिला को अजीब लगा। उनका सवाल है कि आखिर सरकारी काम के लिए गॉडफादर क्यों चाहिए?
महिला डॉक्टर कि इस शिकायत को एफआईआर में बदलने से मुंबई पुलिस ने मना किया है। मामला तीन महीना पुराना होने की वजह से पुलिस जांच के लिए समय मांग रही है। मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर पी आर यादव का कहना है कि चूंकि 3 महीने के बाद शिकायत हुई है, लिहाजा आरोपों की जांच करनी होगी। उसके बाद पुलिस अगली कार्रवाई करेगी।
जबकि पीड़िता के सहकर्मी एफआईआर न लेने वाली पुलिस पर राजनीतिक दबाव होने का दावा कर रहे हैं। डॉ राजेंद्र घुले का दावा है कि पुलिस दबाव में आकर पीड़ित महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज़ नहीं कर रही है। उनका कहना है कि शिवसेना के मंत्री से उन्हें ये उम्मीद नहीं थी।
इस दौरान पीड़ित महिला ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से भी की थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री को तलब किया। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री और शिवसेना नेता डॉ. दीपक सावंत ने बताया कि वे अपने पर्सनल सेक्रेटरी डॉ. सुनील माली को छुट्टी पर भेज चुके हैं। इस मामले में जांच की मांग भी कर चुके हैं।
देर शाम राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव सुजाता सौनिक ये जांच करेंगी।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री और शिवसेना नेता दीपक सावंत अपने पर्सनल सेक्रेटरी के कारण दिक्कत में फंस गए हैं। सावंत के पीएस के खिलाफ़ स्वास्थ्य अधिकारी महिला डॉक्टर ने छेड़खानी की गंभीर शिकायत की है। पीड़िता ने मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दी। जिसके बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में बताया कि, डॉ माली ने उन्हें 16 मार्च 2016 को केबिन में बुलाया। वहां अनाब शनाब बात की। कहा कि उन्हें गॉडफादर की जरूरत है। ये कमेंट शिकायतकर्ता महिला को अजीब लगा। उनका सवाल है कि आखिर सरकारी काम के लिए गॉडफादर क्यों चाहिए?
महिला डॉक्टर कि इस शिकायत को एफआईआर में बदलने से मुंबई पुलिस ने मना किया है। मामला तीन महीना पुराना होने की वजह से पुलिस जांच के लिए समय मांग रही है। मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर पी आर यादव का कहना है कि चूंकि 3 महीने के बाद शिकायत हुई है, लिहाजा आरोपों की जांच करनी होगी। उसके बाद पुलिस अगली कार्रवाई करेगी।
जबकि पीड़िता के सहकर्मी एफआईआर न लेने वाली पुलिस पर राजनीतिक दबाव होने का दावा कर रहे हैं। डॉ राजेंद्र घुले का दावा है कि पुलिस दबाव में आकर पीड़ित महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज़ नहीं कर रही है। उनका कहना है कि शिवसेना के मंत्री से उन्हें ये उम्मीद नहीं थी।
इस दौरान पीड़ित महिला ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से भी की थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री को तलब किया। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री और शिवसेना नेता डॉ. दीपक सावंत ने बताया कि वे अपने पर्सनल सेक्रेटरी डॉ. सुनील माली को छुट्टी पर भेज चुके हैं। इस मामले में जांच की मांग भी कर चुके हैं।
देर शाम राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव सुजाता सौनिक ये जांच करेंगी।
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