महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भाजपा (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) में चल रहे झगड़े के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नसीहत दी है. मोहन भागवत ने कहा है कि स्वार्थ खराब चीज होती है. भागवत ने कहा, 'आपस में झगड़ने से दोनों की हानि होती है. झगड़ने के बाद अब भी बंद नहीं हुए. स्वार्थ बहुत खराब बात है. अपने स्वार्थ को बहुत कम लोग छोड़ पाए.' वहीं, दूसरी ओर शिवसेना ने एनडीए से बाहर करने का ऐलान करने पर भारतीय जनता पा्रटी पर निशाना साधा है.
वहीं, महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बरकरार सस्पेंस के बीच सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि अगले हफ्ते महाराष्ट्र में सरकार का गठन हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर करीब-करीब सहमति बन गई है. साथ ही बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री का पहला टर्म शिवसेना को मिल सकता है, वहीं कांग्रेस का स्पीकर बन सकता है. इसके साथ ही मंत्रियों के चयन को लेकर खबर है कि तीन पार्टियों के विधायकों की संख्या के आधार पर मंत्रियों का चयन किया जाएगा. नई सरकार किसानों के एजेंडे को लागू करेगी.
मंगलवार को शिवसेना ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक बार फिर इशारों में बीजेपी पर हमला बोला गया. उसमें लिखा गया है कि किस आधार पर, किसकी अनुमति से NDA में शिवसेना के नहीं होने की घोषणा की गई. हमें 'एनडीए' से निकालने वाले तुम कौन? घोषणा करने वाले को शिवसेना का 'मर्म' और NDA का कर्म-धर्म नहीं पता. NDA के जन्म और प्रसव पीड़ा को शिवसेना ने अनुभव किया है. भारतीय जनता पार्टी के बगल में भी कोई खड़ा नहीं होना चाहता था. जब NDA की नीव रखी गई तब आज के 'दिल्लीश्वर' गुदड़ी में भी नहीं रहे होंगे. जिसने NDA की स्थापना की, उसे ही बाहर निकालने की नीच घोषणा की गई.
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इसके अलावा महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की बीच बढ़ती नजदीकियों का उदाहरण महानगरपालिका के महापौर चुनाव में देखने मिला जब कांग्रेस और एनसीपी ने मुम्बई और ठाणे महानगरपालिका में अपने प्रत्याशी नहीं उतारे, जिसकी वजह से शिवसेना के प्रत्याशी दोनों जगह निर्विरोध जीत गए. शिवसेना से वर्ली के गांधी नगर इलाके की पार्षद किशोरी पेडनेकर एशिया के सबसे अमीर महानगरपालिका की अगली महापौर बन गई हैं. बीएमसी में महापौर के चयन के लिए सोमवार के दिन नामांकन करना था. बीजेपी नेता आशीष शेलार ने जहां सोमवार सुबह ट्वीट कर साफ कर दिया कि बीजेपी की ओर से इस चुनाव में कोई प्रत्याशी नहीं होगा तो वहीं सोमवार शाम पार्टी हाईकमान से बात कर कांग्रेस ने भी पर्चा नहीं भरा, जिसके कारण बीएमसी पर शिवसेना की पकड़ बनी रही.
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