CAA के खिलाफ प्रस्ताव पर महाराष्ट्र सरकार में दरार? कांग्रेस, शिवसेना और NCP की नहीं है एक राय

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ कांग्रेस शासित राजस्थान (Rajasthan Govt) और पंजाब (Punjab Govt) ने तो प्रस्ताव पास कर दिया है लेकिन महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt) अब तक इस मुद्दे पर चुप है.

CAA के खिलाफ प्रस्ताव पर महाराष्ट्र सरकार में दरार? कांग्रेस, शिवसेना और NCP की नहीं है एक राय

CAA पर महाराष्ट्र सरकार का रुख साफ नहीं है. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • महाराष्ट्र में CAA पर असमंजस बरकरार
  • 'महाविकास अघाड़ी' में एक राय नहीं
  • राजस्थान-पंजाब ने पास किया प्रस्ताव
मुंबई:

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ कांग्रेस शासित राजस्थान (Rajasthan Govt) और पंजाब (Punjab Govt) ने तो प्रस्ताव पास कर दिया है लेकिन महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt) अब तक इस मुद्दे पर चुप है. राज्य की 'महाविकास अघाड़ी' सरकार में कांग्रेस (Congress) एक प्रमुख घटक है. खबर है कि प्रस्ताव को लेकर तीनों दलों, शिवसेना (Shiv Sena), एनसीपी (NCP) और कांग्रेस में एक राय नहीं है. नागरिकता कानून पर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) कई बार मौलानाओं को आश्वासन तो दे चुके हैं लेकिन महाराष्ट्र सरकार अभी तक विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव नहीं लाई है, लिहाजा सरकार की नीयत पर अब भी सवाल बना हुआ है.

CAA को लेकर सवाल शिवसेना से पूछा जा रहा है लेकिन प्रस्ताव के पक्ष में एनसीपी ही नहीं दिख रही है. एनसीपी का तो यहां तक कहना है कि यह केंद्र सरकार का कानून है, इसलिए जो भी राज्य सरकारें प्रस्ताव पास कर रही हैं, वह लोगों की भावनाओं से खेल रही हैं. पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, 'हमें लगता है कि विधानसभाएं प्रस्ताव पारित करके अपनी नाराजगी और विरोध जता सकती हैं लेकिन CAA को लागू करने की बात लगातार देश में कही जा रही है कि राज्य सरकारें नहीं करेंगी, हमें लगता है कि या तो समझ गलत है या प्रचार गलत ढंग से हो रहा है.'

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AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने महाराष्ट्र सरकार से कहा, 'आप जल्द से जल्द विधानसभा का सेशन बुलाइए और सदन में चीफ मिनिस्टर को साफ अल्फाज में कहना है कि महाराष्ट्र में CAA, NPR और NRC को लागू नहीं किया जाएगा, उसपर स्टे लगाया जाएगा.' पंजाब और राजस्थान में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास होने के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस पर दबाव है लेकिन साझा सरकार होने की वजह से वह भी सिर्फ कानून के विरोध की बात कर रही है. शिवसेना तीन पार्टियों की सरकार होने का हवाला देकर इसपर चुप्पी साधे हुए हैं. ऐसे में बीजेपी को शिवसेना पर चुटकी लेने का मौका मिल गया है. बीजेपी प्रवक्ता राम कदम ने कहा, 'शिवसेना पूरी तरह से अपना हिंदुत्व छोड़ चुकी है. 2014 से पहले भारत आए हिंदुओं को लेकर शिवसेना क्या रुख अपनाती है, ये देखना होगा.'

VIDEO: महाराष्ट्र में CAA के खिलाफ प्रस्ताव लाने पर असमंजस बरकरार

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