महाराष्ट्र में आनन-फानन में सरकार के गठन के बाद कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के शनिवार को राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद यह मामला अब कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश करने तथा देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने वाली चिठ्ठी सोमवार की सुबह तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है. शनिवार सुबह पांच बजकर 47 मिनट पर राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया गया और फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर जबकि अजित पवार ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इससे एक दिन पहले एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने मिलकर सरकार बनाने का ऐलान किया था. महाराष्ट्र में जारी सियासी उठा-पटक का घटनाक्रम इस प्रकार है
- 21 अक्टूबर : महाराष्ट्र के 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान हुआ.
- 24 अक्टूबर : चुनाव के परिणाम घोषित . भाजपा को 105 सीटें मिली, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली .
- नौ नवंबर : राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने की इच्छा और क्षमता व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया और 24 घंटे के भीतर बहुमत साबित करने के लिए कहा .
- 10 नवंबर : भाजपा ने सरकार गठन में असमर्थता जाहिर की. राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए कहा और बहुमत साबित करने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया.
- 11 नवंबर : शिवसेना ने यह कहते हुए सरकार बनाने का दावा किया कि उनके पास बहुमत का समर्थन है. शिवसेना ने समर्थन पत्र देने के लिए तीन दिन का समय देने का आग्रह किया. राज्यपाल ने तीन दिन का समय देने से इंकार कर दिया और शिवसेना के सरकार गठन के दावे को खारिज कर दिया . राज्यपाल ने राकांपा को सरकार बनाने के लिए अपनी इच्छा और क्षमता व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया.
- 12 नवंबर : पर्याप्त समर्थन के साथ शिवसेना के सरकार बनाने के दावे को खारिज करने के राज्यपाल के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया.
- 13 नवंबर : शिवसेना ने उच्चतम न्यायालय में राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने वाली अपनी याचिका का उल्लेख नहीं किया.
- 22 नवंबर : चुनाव के बाद कांग्रेस, राकांपा एवं शिवसेना नीत ‘महाराष्ट्र विकास अघाडी' में मुख्यमंत्री के पद के लिए उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी .
- 23 नवंबर : शनिवार को सुबह पांच बजकर 47 मिनट पर राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया गया. फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर जबकि अजित पवार ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया और तत्काल सुनवाई करने की मांग की. उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री ने मामले की सुनवाई के लिए रविवार का दिन मुकर्रर किया.
- 24 नवंबर : उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी करते हुए रविवार को सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश करने वाली चिठ्ठी सोमवार की सुबह तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया.