याकूब मेमन (फाइल फोटो)
मुंबई:
महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने 1993 के मुंबई विस्फोटों के दोषी याकूब मेमन की दया याचिका को बुधवार को संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत खारिज कर दिया और इस तरह उसके फांसी से बचने की उम्मीद खत्म हो गई।
राजभवन के एक प्रवक्ता द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत याकूब मेमन की दया याचिका को खारिज कर दिया।’’ अनुच्छेद 161 किसी कानून के खिलाफ किसी अपराध के दोषी व्यक्ति की सजा को माफ करने, राहत देने या क्षमादान देने या उसकी सजा को निलंबित करने, कम करने या हल्की सजा में तब्दील करने के अधिकारों से संबंधित है।
मेमन ने 21 जुलाई को उच्चतम न्यायालय द्वारा उसकी उपचारात्मक याचिका को खारिज किए जाने के कुछ ही घंटे बाद याचिका राज्यपाल के समक्ष दाखिल की थी। आज राज्यपाल का फैसला शीर्ष अदालत द्वारा मेमन की उस याचिका को खारिज किए जाने के तत्काल बाद आया जिसमें उसने कल उसे दी जाने वाली फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।
इस साल अप्रैल में एक टाडा अदालत ने मेमन को नागपुर केंद्रीय जेल में फांसी देने के लिए 30 जुलाई की तारीख तय की थी जहां वह बंद है।
मेमन की फांसी पर रोक लगाने की उसकी याचिका पर उच्चतम न्यायालय की दो न्यायाधीशों की एक पीठ में मत विभाजन के बाद फैसले के लिए उच्चतम न्यायालय ने कल तीन न्यायाधीशों की पीठ बनाई थी और शीर्ष अदालत की इस वृहद पीठ ने आज याकूब की याचिका खारिज कर दी।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कानून अपना काम करेगा और जनता को संयम बरतना चाहिए।
फडणवीस ने विधान भवन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘कानून अपना काम करेगा। मैं सभी से संयम बरतने की अपील करता हूं।’’ मुंबई (तत्कालीन बंबई) में 12 मार्च, 1993 को साजिश के तहत 12 विस्फोट किए गए थे जिनमें 257 लोग मारे गए और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
राजभवन के एक प्रवक्ता द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत याकूब मेमन की दया याचिका को खारिज कर दिया।’’ अनुच्छेद 161 किसी कानून के खिलाफ किसी अपराध के दोषी व्यक्ति की सजा को माफ करने, राहत देने या क्षमादान देने या उसकी सजा को निलंबित करने, कम करने या हल्की सजा में तब्दील करने के अधिकारों से संबंधित है।
मेमन ने 21 जुलाई को उच्चतम न्यायालय द्वारा उसकी उपचारात्मक याचिका को खारिज किए जाने के कुछ ही घंटे बाद याचिका राज्यपाल के समक्ष दाखिल की थी। आज राज्यपाल का फैसला शीर्ष अदालत द्वारा मेमन की उस याचिका को खारिज किए जाने के तत्काल बाद आया जिसमें उसने कल उसे दी जाने वाली फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।
इस साल अप्रैल में एक टाडा अदालत ने मेमन को नागपुर केंद्रीय जेल में फांसी देने के लिए 30 जुलाई की तारीख तय की थी जहां वह बंद है।
मेमन की फांसी पर रोक लगाने की उसकी याचिका पर उच्चतम न्यायालय की दो न्यायाधीशों की एक पीठ में मत विभाजन के बाद फैसले के लिए उच्चतम न्यायालय ने कल तीन न्यायाधीशों की पीठ बनाई थी और शीर्ष अदालत की इस वृहद पीठ ने आज याकूब की याचिका खारिज कर दी।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कानून अपना काम करेगा और जनता को संयम बरतना चाहिए।
फडणवीस ने विधान भवन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘कानून अपना काम करेगा। मैं सभी से संयम बरतने की अपील करता हूं।’’ मुंबई (तत्कालीन बंबई) में 12 मार्च, 1993 को साजिश के तहत 12 विस्फोट किए गए थे जिनमें 257 लोग मारे गए और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
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