मुरुड में पिकनिक के दौरान हादसे का शिकार छात्र को बचाने का प्रयास (फाइल फोटो)
मुंबई:
महाराष्ट्र के मुरुड में हुए हादसे के बाद महाराष्ट्र में अब स्कूली छात्रों की पिकनिक पर कड़े नियम जारी हुए हैं। इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र के तटीय इलाके के ऐतिहासिक शहर मुरुड में पिकनिक मनाने पहुंचे 14 छात्रों की समुद्र में डूबने से मौत हुई थी।
महाराष्ट्र के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के उप निदेशक रामचंद्र जाधव ने एक सरकारी फरमान जारी किया है। विभाग के अधीन स्कूलों के प्रिंसिपल तथा शिक्षा संस्थाओं के प्रमुखों को भेजे गए इस आदेश में स्कूली पिकनिक आयोजित करने के लिए 27 दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
इसमें से कुछ प्रमुख निर्देश कहते हैं,
आहम बात यह है कि, सरकार हादसे के लिए सम्पूर्ण रूप से सम्बंधित शिक्षकों को जिम्मेदार और जरूरत अनुसार कार्रवाई के लिए पात्र मान रही है। जिससे शिक्षक संघ और सरकार के बीच तलवारें खिंच गई हैं।
BMC शिक्षक सभा का बयान
BMC शिक्षक सभा के महासचिव रमेश जोशी ने NDTV इंडिया से बात करते हुए कहा कि, सरकार की बंदिशें बच्चों के मानस पर अनुकूल असर नहीं डाल रहीं। पिकनिक से उस में शामिल छात्रों को लाभ होता है। इसमें होनेवाली ग़लतियों के लिए केवल शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया नहीं जा सकता। ऐसा करना कानूनन भी नहीं है। कानूनन स्कूल मैनेजमेंट समिति की हर स्कूल में स्थापना होनी चाहिए। और उनके दिशा निर्देशों के आधार पर स्कूल के पाठ्यक्रम से हटकर कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए।
शिक्षामंत्री विनोद तावडे का बयान
उधर शिक्षामंत्री विनोद तावडे ने पिकनिक पर जारी फरमान को सही बताया है। NDTV इंडिया से बात करते हुए शिक्षामंत्री ने कहा है कि, मुरुड जैसे हादसे के बाद अभिभावक और स्कूल प्रबंधन को सरकार से दिशा-निर्देशों की उम्मीद थी। हादसे की गंभीरता को देखते हुए हमने इन्हें जारी किया है। अमूमन होता यह है कि, गुजरते समय के साथ इन्हें लोग भुला देते हैं। जो ठीक नहीं।
बहरहाल पिकनिक आयोजन को लेकर जारी हुए सरकारी निर्देश तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं।
महाराष्ट्र के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के उप निदेशक रामचंद्र जाधव ने एक सरकारी फरमान जारी किया है। विभाग के अधीन स्कूलों के प्रिंसिपल तथा शिक्षा संस्थाओं के प्रमुखों को भेजे गए इस आदेश में स्कूली पिकनिक आयोजित करने के लिए 27 दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
इसमें से कुछ प्रमुख निर्देश कहते हैं,
- हर पिकनिक के लिए सरकार की अनुमति आवश्यक।
- जहां रिस्क हो वहां पिकनिक न ले जाएं।
- बीच, नदी, तालाब, कुआ इनके पास न जाएं।
- न ट्रेकिंग कराएं और न ही एडवेंचर पार्क में जाएं।
- पिकनिक से लौटकर शाम 5 बजे तक छात्र अपने घर पहुंच जाने चाहिए।
- पिकनिक में रात्रि निवास न हों।
- हादसे के लिए सम्बंधित शिक्षक जिम्मेदार और जरूरत अनुसार कार्रवाई के लिए पात्र।
- छात्रों की प्री-पिकनिक ट्रेनिंग कराएं।
- छात्रों को मोबाइल इस्तेमाल करने दें।
- हर दस छात्रों के लिए एक शिक्षक तैनात हों।
- शिक्षक तम्बाकू, गुटखा तथा अन्य मादक पदार्थ का सेवन न करें।
आहम बात यह है कि, सरकार हादसे के लिए सम्पूर्ण रूप से सम्बंधित शिक्षकों को जिम्मेदार और जरूरत अनुसार कार्रवाई के लिए पात्र मान रही है। जिससे शिक्षक संघ और सरकार के बीच तलवारें खिंच गई हैं।
BMC शिक्षक सभा का बयान
BMC शिक्षक सभा के महासचिव रमेश जोशी ने NDTV इंडिया से बात करते हुए कहा कि, सरकार की बंदिशें बच्चों के मानस पर अनुकूल असर नहीं डाल रहीं। पिकनिक से उस में शामिल छात्रों को लाभ होता है। इसमें होनेवाली ग़लतियों के लिए केवल शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया नहीं जा सकता। ऐसा करना कानूनन भी नहीं है। कानूनन स्कूल मैनेजमेंट समिति की हर स्कूल में स्थापना होनी चाहिए। और उनके दिशा निर्देशों के आधार पर स्कूल के पाठ्यक्रम से हटकर कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए।
शिक्षामंत्री विनोद तावडे का बयान
उधर शिक्षामंत्री विनोद तावडे ने पिकनिक पर जारी फरमान को सही बताया है। NDTV इंडिया से बात करते हुए शिक्षामंत्री ने कहा है कि, मुरुड जैसे हादसे के बाद अभिभावक और स्कूल प्रबंधन को सरकार से दिशा-निर्देशों की उम्मीद थी। हादसे की गंभीरता को देखते हुए हमने इन्हें जारी किया है। अमूमन होता यह है कि, गुजरते समय के साथ इन्हें लोग भुला देते हैं। जो ठीक नहीं।
बहरहाल पिकनिक आयोजन को लेकर जारी हुए सरकारी निर्देश तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
महाराष्ट्र, मुरुड हादसा, स्कूल पिकनिक, सरकारी दिशा-निर्देश, विनोद तावड़े, Maharashtra, Murud Attack, School Picnic, Government Orders, Vinod Tawde