दाल के जमाखोरों के खिलाफ लड़खड़ाई महाराष्ट्र सरकार की मुहिम

दाल के जमाखोरों के खिलाफ लड़खड़ाई महाराष्ट्र सरकार की मुहिम

प्रतीकात्मक चित्र

मुंबई:

दाल के जमाखोरों के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई कर रही महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार का जोर अब ठंडा पड़ता दिखाई दे रहा है। राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट ने मुंबई में संवाददाताओं को बताया कि जमाखोरी विरोधी कार्रवाई पर दोबारा विचार करने के लिए सरकार मजबूर है।

महाराष्ट्र में पिछले हफ्ते में 67 हजार मीट्रिक टन दाल और तेल बीज जब्त किए जा चुके हैं। सरकार का दावा है कि जब्त हुआ सारा माल जमाखोरी किया जा रहा था। इस कार्रवाई के बाद दाल की कीमत खुदरा बाजार में प्रति किलो 152 रुपये तक गिर गई।

इसके बावजूद राज्य सरकार ने जमाखोरी के खिलाफ कार्रवाई को रोक देने की पेशकश केंद्र सरकार को की है। मंत्री कह रहे हैं कि जमाखोरी के खिलाफ कार्रवाई के चलते व्यापारियो नें आयात की हुई दाल की खेप उठाने से हाथ खींच लिए हैं। करीब 25 लाख मीट्रिक टन दाल जल्द ही मुंबई के बंदरगाह पर पहुंचनेवाली है, जिसे खरीदने को व्यापारी तैयार नहीं हैं। राज्य सरकार को अब केंद्र सरकार की अनुमति का इंतजार है, जिसके बाद वह अपना जमाखोरी विरोधी कानून का अमल रोक सकेगी।

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उधर कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने सरकारी यू-टर्न पर सवाल खड़े किए हैं। संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा बीजेपी सरकार व्यापारियों के बलबूते चुनकर आई है। इसमें जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत कहां से आएगी... कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार जब्त की हुई दाल को राशन की दुकानों के जरिये जल्द आम आदमी तक उपलब्ध कराए।