महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सरकार बनाने के लिए चल रही उठा-पटक के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बड़ा बयान आया है. फडणवीस ने कहा है कि भाजपा ने कभी भी शिवसेना से 50-50 का वादा नहीं किया था. इसके साथ ही उन्होंने बोला कि महाराष्ट्र में सरकार भाजपा के नेतृत्व में ही बनेगी और राज्य में पांच साल मुख्यमंत्री मैं ही रहूंगा, इसमें कोई भ्रम नहीं है. वहीं, महाराष्ट्र में 50-50 फॉर्मूले की मांग को लेकर अड़ी शिवसेना और उसकी ओर से जारी बयानबाजी से बीजेपी आलाकमान नाराज हो गया है. सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 30 अक्टूबर को अब मुंबई नहीं जा रहे हैं जहां उनकी बीजेपी विधायकों के साथ बैठक होनी थी.
माना जा रहा था कि अमित शाह पार्टी विधायकों से मुलाकात के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मिलते और फिर मामले को सुलझा लिया जाता. लेकिन शिवसेना की ओर से की जा रही है बयानबाजी के बाद से अब मामला और बिगड़ गया है और महाराष्ट्र में भी बीजेपी के नेताओं का कहना है कि जब तक ऐसी बयानबाजी जारी है शिवसेना से कोई बातचीत नहीं की जानी चाहिए.
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सोमवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा था कि बीजेपी के साथ 50-50 के फॉर्मूले पर समझौता हुआ था. संजय राउत ने कहा, बीजेपी रामनाम जपती है, तो फिर वह सच बोले और बताए. 50-50 पर समझौता तो पहले ही हो चुका था.' वहीं आज जब न्यूज एजेंसी ANI की ओर से उनसे पूछा गया कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने में देरी क्यों हो रही है तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'यहां कोई दुष्यंत नहीं हैं, जिनके पिता जेल में हों. यहां हम हैं, जो 'धर्म और सत्य' की राजनीति करते हैं. शरद जी जिन्होंने बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया है जो कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे.'
साथ ही उन्होंने कहा, 'उद्धव ठाकरे जी ने कहा है कि हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं लेकिन हम उस विकल्प को स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते हैं. शिवसेना ने हमेशा सच्चाई की राजनीति की है, हम सत्ता के भूखे नहीं हैं.'
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