प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई:
परभणी में 21 नवंबर 2003 को हुए बम धमाके के सभी चार आरोपियों को अदालत ने निर्दोष मुक्त कर दिया है. उन्हें सबूतों के अभाव में बरी किया गया.
धमाके में हुई थी एक व्यक्ति की मौत
परभणी के सत्र न्यायालय के जज एसएम जवलकर ने गुरुवार को परभणी में नवंबर 2003 में हुए बम विस्फोट के मामले का सुनाया फैसला. उन्होंने साक्ष्यों के अभाव में मामले के चारों आरोपियों को बरी कर दिया. परभणी की मोहम्मदिया मस्जिद में यह धमाका हुआ था. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 35 लोग जख्मी हुए थे.
इस मामले में आरोपी राकेश धावड़े, मारुति वाघ, संजय चौधरी और योगेश देशपांडे थे. इन चारों को आज अदालत ने बरी कर दिया. इनमें से राकेश धावड़े सन 2008 में मालेगांव हुए बम धमाके के मामले में भी आरोपी है. धावड़े की चार्जशीट के आधार पर ही एटीएस ने मालेगांव बम धमाके के मामले में उस पर मकोका लगाया. बाद में एनआईए ने उसे गलत बताया.
धमाके में हुई थी एक व्यक्ति की मौत
परभणी के सत्र न्यायालय के जज एसएम जवलकर ने गुरुवार को परभणी में नवंबर 2003 में हुए बम विस्फोट के मामले का सुनाया फैसला. उन्होंने साक्ष्यों के अभाव में मामले के चारों आरोपियों को बरी कर दिया. परभणी की मोहम्मदिया मस्जिद में यह धमाका हुआ था. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 35 लोग जख्मी हुए थे.
इस मामले में आरोपी राकेश धावड़े, मारुति वाघ, संजय चौधरी और योगेश देशपांडे थे. इन चारों को आज अदालत ने बरी कर दिया. इनमें से राकेश धावड़े सन 2008 में मालेगांव हुए बम धमाके के मामले में भी आरोपी है. धावड़े की चार्जशीट के आधार पर ही एटीएस ने मालेगांव बम धमाके के मामले में उस पर मकोका लगाया. बाद में एनआईए ने उसे गलत बताया.
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