अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत का मामला अभी तक सुलझ नहीं सका है. रहस्यमयी मौत के मामले में एसआईटी ने तीसरे आरोपी संदीप तिवारी को आज सीजेएम कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने आरोपी संदीप को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया है. हालांकि, वकील की ओर से जमानत याचिका दाखिल की गई थी. लेकिन कोर्ट ने अभी तक जमानत याचिका पर कोई फैसला नहीं दिया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी.
बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत स्वामी नरेंद्र गिरि का शव बीते सोमवार को प्रयागराज स्थित उनके मठ में फंदे से लटका मिला था. मामला उजागर होने के बाद मठ की संपत्ति के विवाद को लेकर उनकी हत्या करने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था. इस मामले में सीजेएम कोर्ट ने इससे पहले उनके शिष्य आनंद गिरि और आद्या तिवारी को आरोपी के तौर पर 22 सितंबर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. अभी तक मामले में पुलिस और एसआईटी की जांच सिर्फ महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि के आसपास घूम रही है. उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने ट्वीट किया है कि प्रयागराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरि जी की दुःखद मृत्यु से जुड़े प्रकरण की मुख्यमंत्री जी के आदेश पर सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति की गई है.
महंत नरेंद्र गिरि मौत में एक और भी खुलासा हुआ है. दरअसल, नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट लिखने के अलावा खुदकुशी से एक घंटे पहले अपने मोबाइल फोन में अपना 4.5 मिनट का एक वीडियो स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया है, जिसमें खुदकुशी की वजहें बताई हैं. ऐसा पुलिस के सूत्रों का कहना है, इसलिए उनके सुसाइड नोट के असली या नकली होने की बहस बेमानी हो जाती है. सूत्रों के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि को मोबाइल फोन में सेल्फी लेने या वीडियो रिकॉर्ड करना नहीं आता था. लेकिन खुदकुशी से एक दिन पहले इतवार यानी 19 तारीख को उन्होंने अपने भरोसेमंद शिष्य सर्वेश द्विवेदी उर्फ बबलू को बुलाया और उससे मोबाइल में वीडियो रिकॉर्डिंग सीखी थी.
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