यह ख़बर 25 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

महाकुंभ 2013 : 5वें शाही स्नान पर उमड़ा जनसमुद्र

खास बातें

  • तीर्थराज प्रयाग में चल रहे महाकुंभ में माघी पूर्णिमा पर सोमवार को हुए पांचवें शाही स्नान के मौके पर संगम तट पर देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं का समुद्र उमड़ पड़ा।
संगम:

तीर्थराज प्रयाग में चल रहे महाकुंभ में माघी पूर्णिमा पर सोमवार को हुए पांचवें शाही स्नान के मौके पर संगम तट पर देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं का समुद्र उमड़ पड़ा। नागा संन्यासियों की गैरमौजूदगी में करीब सवा करोड़ श्रद्धालुओं से डुबकी लगाई। माघ पूर्णिमा के महास्नान के साथ ही कल्पवासियों का एक महीने से जारी कल्पवास समाप्त हो गया।

गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम के सभी 22 घाटों पर तड़के से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। स्नान का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। घाटों पर चारों तरफ  'हर-हर महादेव' और 'जय गंगा मैया' के जयकारे गूंज रहे थे।

जहां पिछले शाही स्नानों में आकर्षण का केंद्र अखाड़ों के जुलूस और नागा साधु होते थे, वहीं सारे 13 अखाड़ों के वाराणसी प्रस्थान करने के बाद आज सिर्फ आम श्रद्धालुओं और कल्पवासियों ने ही त्रिवेणी संगम में स्नान किया।

मेला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक, शाम सात बजे तक करीब सवा करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया।

पौष पर्णिमा से संगम की रेत पर जप-तप कर रहे कल्पवासियों ने आज माघी पूर्णिमा का स्नान करके अपना कल्पवास समाप्त कर दिया।

करीब चार लाख कल्पवासियों ने मोक्ष और आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति के लिए संगम तट पर झोपड़ी में रहकर कल्पवास किया।

फतेहपुर जिले के कल्पवासी देवेंद्र कुमार ने कहा, "हमने एक महीने तक सगम किनारे साधना करके जो आनंद प्राप्त हुआ उसे हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते। बारिश के चलते थोड़ी दिक्कतें जरूर हुईं, लेकिन एक महीने बिताया गया वक्त अद्भुद रहा।"

मौनी अमावस्या पर इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ से सबक लेते हुए रेलवे, मेला और जिला प्रशासन की तरफ  से किए इंतजाम और रणनीति अब व्यवस्थित नजर आ रहे हैं।

मेला प्रशासन, जिला प्रशासन और रेलवे ने भीड़ को नियंत्रित कर सुचारु स्नान कराने के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे। रेलवे ने दो दर्जन से ज्यादा विशेष ट्रेनें चलाईं, तो रोडवेज ने दो हजार बसों का बंदोबस्त किया था।

मेला क्षेत्र में लाउडस्पीकर से बसों और रेलगाड़ियों के समय के बारे में लगातार घोषणा की जा रही थी, ताकि यात्रियों को सही जानकारी मिल सके और वे अपने निर्धारित समय से पहले बस या रेलवे स्टेशन पर न जाएं। भीड़ एक जगह एकत्र न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने होल्डिंग एरिया बनाए थे।

मेले में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम थे। अर्धसैनिक बलों के जवानों के साथ प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी), होमगार्ड के करीब 40 हजार जवान तैनात थे, जो घाटों से लेकर पूरे क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुए थे।

घाटों पर स्नान करते समय कोई श्रद्धालु डूब न जाए, इसलिए जल पुलिस के जवानों की तैनाती थी। मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश पूर्णतया प्रतिबंधित था।

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उल्लेखनीय है कि मकर संक्रांति से शुरू हुआ महाकुंभ मेला 10 मार्च तक चलेगा। इलाहाबाद में महाकुंभ मेला 12 साल बाद लगा है। इससे पहले यहां वर्ष 2000 में महाकुंभ का आयोजन हुआ था।