नई दिल्ली:
यूपी सरकार ने मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। इस संबंध में बाराबंकी जिले के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में नेशले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जाएगी।
दरअसल मैगी में लेड की मात्रा ज्यादा मिलने से पूरे देश में नमूने लेकर इसकी जांच की कार्रवाई की जा रही है। ये लेड नुकसानदायक स्तर पर है, जो खासकर बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक है।
पिछले महीने उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं दवा प्रशासन ने नेस्ले इंडिया से कहा कि फरवरी 2014 में बने मैगी नूडल बाजार से वापस ले ले। प्रशासन ने पाया था कि नूडल में स्वाद बढ़ाने के लिए मिलाया जाने वाला रासायनिक योगिक एमएसजी के साथ लेड (सीसे) की मात्रा स्वीकृत सीमा से बहुत अधिक है।
केंद्र सरकार ने भी 'मैगी' नूडल की गुणवत्ता से जुड़े मुद्दे को 'गंभीरता' से लिया है और इस मामले की जांच भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकारण (FSSAI) से करायी जाएगी।
उपभोक्ता मामले में मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि इसके अलावा अगर इस मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) में कोई शिकायत दर्ज की जाती है तो इस पर एक विशेष उपभोक्ता वर्ग की ओर से कार्रवाई का मामला शुरू किया जा सकता है।
दरअसल मैगी में लेड की मात्रा ज्यादा मिलने से पूरे देश में नमूने लेकर इसकी जांच की कार्रवाई की जा रही है। ये लेड नुकसानदायक स्तर पर है, जो खासकर बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक है।
पिछले महीने उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं दवा प्रशासन ने नेस्ले इंडिया से कहा कि फरवरी 2014 में बने मैगी नूडल बाजार से वापस ले ले। प्रशासन ने पाया था कि नूडल में स्वाद बढ़ाने के लिए मिलाया जाने वाला रासायनिक योगिक एमएसजी के साथ लेड (सीसे) की मात्रा स्वीकृत सीमा से बहुत अधिक है।
केंद्र सरकार ने भी 'मैगी' नूडल की गुणवत्ता से जुड़े मुद्दे को 'गंभीरता' से लिया है और इस मामले की जांच भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकारण (FSSAI) से करायी जाएगी।
उपभोक्ता मामले में मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि इसके अलावा अगर इस मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) में कोई शिकायत दर्ज की जाती है तो इस पर एक विशेष उपभोक्ता वर्ग की ओर से कार्रवाई का मामला शुरू किया जा सकता है।
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