गुजरात में मैगी के सारे नमूने जांच में पाए गए फेल, 30 दिन के लिए बैन

अहमदाबाद:

मैगी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गुजरात में भी 30 दिन तक मैगी पर पाबंदी लगा दी गई है। वहां लिए गए सारे सैंपल जांच में फेल हुए हैं, जिसके चलते सारा स्टॉक वापस लेने को कहा गया है। इससे पहले दिल्ली और उत्तराखंड ने मैगी पर पाबंदी लगा दी थी।

बिहार में भी नमूनों की जांच
वहीं बिहार में भी मैगी के नमूनों की जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार मैगी नूडल्स मामले की जांच कर रही है और प्रयोगाशाला से जांच रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बिहार स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के विभिन्न भागों से मैगी के 21 नमूनों को जांच के लिए कोलकाता भेजा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय को राज्यों से रिपोर्टों का इंतजार
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने किसी भी तरह की ढील नहीं बरतने की बात कही है। नड्डा ने कहा कि उनके मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों से मैगी के नमूने की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। नड्डा ने बताया कि कई राज्यों की ओर से उन्हें रिपोर्ट मिल चुकी है, जबकि कई राज्य नमूनों की जांच कर रहे हैं और इन सबकी रिपोर्ट बनने के बाद जरूरी एक्शन लिया जाएगा। इसके अलावा केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत निपटारा आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। दरअसल, मैगी के कुछ सैंपलों में LED और MSG की मात्रा तय मानकों से ज्यादा पाई गई थी।

सेना की कैंटीन में भी रोक
सेना की कैंटीन में भी मैगी की बिक्री पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी गई है। सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस रोक के तहत देश भर में आर्मी कैंटीन के जरिए मैगी की बिक्री नहीं होगी और यह आदेश बचे हुए स्टॉक पर भी लागू होगा। देश में एक हज़ार से ज्यादा सेना की कैंटीन हैं, जहां से सैनिकों और पूर्व सैनिकों को रिहायती दरों पर सामान मिलता है। आसानी से और कहीं भी बनने के कारण सेना के जवानों की ओर से भी बड़ी मात्रा में मैगी का इस्तेमाल किया जाता है।

केरल, गोवा और चंडीगढ़ में सही पाए गाए सैंपल
केरल और चंडीगढ़ से मैगी के लिए खुशखबरी है। वहां मैगी के सैंपल जांच में सही पाए गए। साथ ही गोवा में भी इस फास्ट फूड के नमूनों की जांच में स्वाद बढ़ाने वाले एमएसजी और सीसे के कोई अवशेष नहीं पाए गए हैं ।

गोवा खाद्य एवं दवा प्रशासन की उप निदेशक ज्योति सरदेसाई ने कहा, राज्य के बाजारों से लिए गए मैगी के नमूनों में ऐसा कोई तत्व नहीं पाया गया जो नुकसानदेह हो। उन्होंने कहा कि नमूने बाजार से और उत्तर गोवा में स्थित नेस्ले की फैक्ट्री से लिए गए थे ।

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मगर यूपी से लिए गए नमूनों में मैगी में तय मात्रा से 17 गुना ज्यादा लेड यानी सीसा पाया गया, पैकेट में जिक्र ना होने के बावजूद भी मैगी के मसाले में MSG पाए जाने का आरोप लगा है।