नई दिल्ली:
भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नया निगरानी विमान कमीशन कर लिया गया है। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने चेन्नई से 70 किलोमीटर दूर नौसेना के बेस आईएनएस राजाली में बोइंग पी-8 आई को राष्ट्र को समर्पित किया।
समंदर में निगरानी के लिए इसे दुनिया का बेहतरीन विमान माना जाता है। यह लंबी दूरी से पनडु्ब्बी, युद्दपोत पर न केवल निगरानी कर सकता है बल्कि उनकी टोह भी ले सकता है। अपनी तेजी और देर तक उड़ने की क्षमता के बल पर यह विमान भारत की समुद्री सीमा की निगरानी कर सकता है। इन विमानों की मदद पूरे हिन्द महासागर में हर हलचल पर नौसेना नजर रख सकेगी।
रक्षा मंत्री खुद पी- 8 आई से पोर्ट ब्लेयर से आईएनएस राजाली उड़ान भरकर आए। इस दौरन उन्हें इसके कई सेंसर, उच्च तकनीक, उपकरण और क्षमता की जानकारी दी गई। रक्षा मंत्री ने कहा कि ये नौसेना की निगरानी की क्षमता को एक नई ऊंचाई तक ले जाएगा। साथ ही किसी आकस्मिक घटना के दौरान तेजी और बेहतर तरीके से काम करेगा। यह समुद्र की सतह से लेकर समुद्र के नीचे किसी भी खतरे से निपट सकता है। युद्दपोत को मार गिराने के लिए इस पर मिसाइल लगे होते है तो समु्द्र के नीचे पनडुब्बी को मार गिराने के लिए टॉरपीडो भी इसमें लगे होते है।
2009 में अमेरिकी कंपनी बोइंग से भारत ने आठ ऐसे विमान 2.1 बिलियन डॉलर में खऱीदने का सौदा किया है। पहला विमान 15 मई 2013 को भारत आया था और दूसरा विमान इसी साल अक्टूबर में आया। अब तक आए सारे आठ विमान ऑपरेशनल हो चले हैं।
समंदर में निगरानी के लिए इसे दुनिया का बेहतरीन विमान माना जाता है। यह लंबी दूरी से पनडु्ब्बी, युद्दपोत पर न केवल निगरानी कर सकता है बल्कि उनकी टोह भी ले सकता है। अपनी तेजी और देर तक उड़ने की क्षमता के बल पर यह विमान भारत की समुद्री सीमा की निगरानी कर सकता है। इन विमानों की मदद पूरे हिन्द महासागर में हर हलचल पर नौसेना नजर रख सकेगी।
रक्षा मंत्री खुद पी- 8 आई से पोर्ट ब्लेयर से आईएनएस राजाली उड़ान भरकर आए। इस दौरन उन्हें इसके कई सेंसर, उच्च तकनीक, उपकरण और क्षमता की जानकारी दी गई। रक्षा मंत्री ने कहा कि ये नौसेना की निगरानी की क्षमता को एक नई ऊंचाई तक ले जाएगा। साथ ही किसी आकस्मिक घटना के दौरान तेजी और बेहतर तरीके से काम करेगा। यह समुद्र की सतह से लेकर समुद्र के नीचे किसी भी खतरे से निपट सकता है। युद्दपोत को मार गिराने के लिए इस पर मिसाइल लगे होते है तो समु्द्र के नीचे पनडुब्बी को मार गिराने के लिए टॉरपीडो भी इसमें लगे होते है।
2009 में अमेरिकी कंपनी बोइंग से भारत ने आठ ऐसे विमान 2.1 बिलियन डॉलर में खऱीदने का सौदा किया है। पहला विमान 15 मई 2013 को भारत आया था और दूसरा विमान इसी साल अक्टूबर में आया। अब तक आए सारे आठ विमान ऑपरेशनल हो चले हैं।
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