यह ख़बर 17 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित

खास बातें

  • सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति के दौरान अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान करने वाले विधेयक के विरोध तथा अल्पसंख्यकों पर सच्चर समिति की रिपोर्ट लागू करने की मांग को लेकर सपा सदस्यों ने संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित क
नई दिल्ली:

सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति के दौरान अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान करने वाले विधेयक के विरोध तथा अल्पसंख्यकों पर सच्चर समिति की रिपोर्ट लागू करने की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित की है।

लोकसभा की कार्यवाही पांच बार बाधित हुई और उसके बाद मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसे राज्यसभा में सोमवार शाम प्रोन्नति में आरक्षण विधेयक पर होने वाले मतदान से पहले दबाव बनाने की सपा की रणनीति माना जा रहा है।

लोकसभा की कार्यवाही सोमवार सुबह जैसे ही शुरू हुई, पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सपा ने सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति का मुद्दा उठाया। सपा सदस्य लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समक्ष खड़े होकर विधेयक के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, जिससे प्रश्नकाल बाधित हुआ।

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सपा सदस्यों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें शून्यकाल में मुद्दा उठाने का समय दिया जाएगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने भी सपा सदस्यों से शांत होने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहा, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पहले 11.30 बजे तक और फिर दोपहर तक स्थगित कर दी। उसके बाद सदन की कार्यवाही तीन बजे तक और फिर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्यसभा में सपा सदस्य राम गोपाल यादव ने सच्चर समिति की रिपोर्ट लागू करने की मांग उठाई, जो मुसलमानों के लिए आरक्षण की सिफारिश करती है।

राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने उनसे यह मामला शून्यकाल में उठाने और प्रश्नकाल चलने देने के लिए कहा। लेकिन सपा सदस्य नरेश अग्रवाल ने अपने सदस्यों से सभापति के आसन के पास एकत्र होने का आह्वान किया, जिसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।

ज्ञात हो कि एक तरफ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) इस विधेयक को पारित करने के लिए सरकार पर दबाव बना रही है, वहीं दूसरी ओर सपा ने धमकी दी है कि यदि विधेयक पारित हुआ तो वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को अपने समर्थन पर पुनर्विचार करेगी।

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इस मुद्दे को लेकर संसद की कार्यवाही शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से ही बार-बार बाधित हो रही है। शीतकालीन सत्र 22 नवम्बर से शुरू हुआ था।