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कोर्ट में दायर है जनहित याचिका
लोकपाल की नियुक्ति को लेकर चल रही है सुनवाई
सरकार ने कोर्ट में पेश की अपनी दलीलें.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि प्रख्यात हस्ती को चुनने में कितना वक्त लगेगा. एजी ने कहा कि जल्द से जल्द इसकी संभावना है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 17 अप्रैल तक का वक्त दिया है.
लोकपाल की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. इससे पहले कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया था. पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है. एजी ने कोर्ट को बताया कि एक मार्च को पीएम, सीजेआई, लोकसभा स्पीकर और एलओपी की नियुक्ति को लेकर बैठक है, जिसमें पैनल के लिए विशिष्ट हस्ती को तय किया जाएगा. फिलहाल कोई एलओपी नहीं है, इसलिए विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी के नेता को बुलाया गया है.
दरअसल कॉमन कॉज संगठन ने अवमानना याचिका दाखिल की है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद लोकपाल की नियुक्ति नहीं की गई है.
27 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल की नियुक्ति का मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि लोकपाल एक्ट पर बिना संशोधन के ही काम किया जा सकता है. केंद्र के पास इसका कोई जस्टिफिकेशन नहीं है कि इतने वक्त तक लोकपाल की नियुक्ति को सस्पेंशन में क्यों रखा गया. लोकपाल की नियुक्ति बिना नेता विपक्ष के भी हो सकती है.
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