F-16 लड़ाकू जहाज की फाइल फोटो (रॉयटर्स)
नई दिल्ली:
अमेरिका की प्रमुख रक्षा उपकरण कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने कहा कि उसने अपने युद्धक विमान एफ-16 के अत्याधुनिक संस्करण एफ-16 ब्लॉक-70 की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट टेक्सास से भारत ट्रांसफर करने की पेशकश की है. उसका इरादा भारत से ही इन विमानों की स्थानीय और वैश्विक मांग को पूरा करना है.
लॉकहीड मार्टिन के पास एफ-16 ब्लॉक-70 विमान की अभी सिर्फ एक ही उत्पादन लाइन है. हालांकि भारत के लिए की गई पेशकश के साथ शर्त यह है कि वह भारतीय वायुसेना के लिए इन विमानों का चयन करे.
लॉकहीड मार्टिन ने प्रस्ताव को बताया बेजोड़
कंपनी के एफ-16 कारोबार के प्रभारी रैंडल एल. हॉवर्ड ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, 'हमने भारत के सामने जो प्रस्ताव रखा है, वह बेजोड़ है. हमने ऐसा प्रस्ताव कभी किसी के सामने नहीं रखा.' लेकिन उन्होंने साथ-साथ यह भी कहा कि उनकी कंपनी चाहती है कि एफ-16 ब्लॉक-70 विमान का भारत में भारत के लिए निर्माण हो और यहीं से इसका दुनिया में निर्यात किया जाए.
हालांकि उन्होंने इस सवाल को टाल दिया कि क्या वह यह आश्वासन देगी कि एफ-16 विमान पाकिस्तान को नहीं बेचे जाएंगे. उन्होंने बस इतना कहा कि यह बातें भारत और अमेरिका की सरकारों के बीच बातचीत का विषय होंगी.
प्रस्ताव के पीछे की शर्त
यह पूछे जाने पर कि क्या इन विमानों का कारखाना फोर्ट वर्थ (अमेरिका) से भारत स्थानांतरित करने के लिए यह शर्त होगी कि भारतीय वायुसेना अपने बेड़े के लिए इन विमानों को चुने, तो इसके जवाब में भारत में कंपनी के कार्यकारी अभय परांजपे ने कहा, 'हां'. उन्होंने कहा कि यह पेशकश भारतीय वायुसेना की तरफ से सुनिश्चित ऑर्डर मिलने की शर्त पर है, जो अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नए लड़ाकू विमान खरीदने की सोच रहा है.
कई दूसरी कंपनियां भी कर चुकी हैं ऐसी ही पेशकश
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर कह चुके हैं कि भारत, भारतीय वायुसेना के लिए देश में ही विकसित तेजस विमान के अलावा 'मेक इन इंडिया' के माध्यम से कम से कम एक और विमान चुनेगा. भारतीय वायुसेना के ठेके लिए लॉकहीड मार्टिन को अमेरिका की ही अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनी बोइंग (एफए-18ई), फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन (राफेल), स्वीडन की साब कंपनी के ग्रिपेन के अलावा यूरोफाइटर से भी प्रतिस्पर्धा मिल रही है. इन सभी कंपनियों ने भारत में अपना विमान कारखाना लगाने की पेशकश की है.
लॉकहीड मार्टिन के अधिकारी हॉवर्ड ने कहा, 'पर हम ना केवल अपनी एकमात्र उत्पादन सुविधा भारत में स्थानांतरित करने की पेशकश कर रहे हैं, बल्कि उसी से हम दुनिया के बाकी बाजारों की जरूरत को भी पूरा करना चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि भारतीय क्षेत्र के लिए एफ-16 ब्लॉक-70 सबसे अच्छा लड़ाकू विमान है. भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह एक ऐसा भागीदार चुने जो अपने वायदे को पूरा कर सके.
उन्होंने संकेत दिया कि इस पेशकश के बारे में बातचीत चल रही है. कंपनी भारत में सरकार और कंपनियों के साथ विभिन्न प्रकार की चर्चाएं कर रही है. उन्हें 'जाने को नहीं कहा गया है.' उन्होंने कहा कि इस विमान का विनिर्माण भारत में होने पर इसकी लागत कम होगी और इससे इसकी दुनिया में मांग बढ़ेगी.
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने कुछ समय पहले यह युद्धक विमान खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन अमेरिकी सांसदों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद इस डील को रद्द कर दिया गया था.
लॉकहीड मार्टिन के पास एफ-16 ब्लॉक-70 विमान की अभी सिर्फ एक ही उत्पादन लाइन है. हालांकि भारत के लिए की गई पेशकश के साथ शर्त यह है कि वह भारतीय वायुसेना के लिए इन विमानों का चयन करे.
लॉकहीड मार्टिन ने प्रस्ताव को बताया बेजोड़
कंपनी के एफ-16 कारोबार के प्रभारी रैंडल एल. हॉवर्ड ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, 'हमने भारत के सामने जो प्रस्ताव रखा है, वह बेजोड़ है. हमने ऐसा प्रस्ताव कभी किसी के सामने नहीं रखा.' लेकिन उन्होंने साथ-साथ यह भी कहा कि उनकी कंपनी चाहती है कि एफ-16 ब्लॉक-70 विमान का भारत में भारत के लिए निर्माण हो और यहीं से इसका दुनिया में निर्यात किया जाए.
हालांकि उन्होंने इस सवाल को टाल दिया कि क्या वह यह आश्वासन देगी कि एफ-16 विमान पाकिस्तान को नहीं बेचे जाएंगे. उन्होंने बस इतना कहा कि यह बातें भारत और अमेरिका की सरकारों के बीच बातचीत का विषय होंगी.
प्रस्ताव के पीछे की शर्त
यह पूछे जाने पर कि क्या इन विमानों का कारखाना फोर्ट वर्थ (अमेरिका) से भारत स्थानांतरित करने के लिए यह शर्त होगी कि भारतीय वायुसेना अपने बेड़े के लिए इन विमानों को चुने, तो इसके जवाब में भारत में कंपनी के कार्यकारी अभय परांजपे ने कहा, 'हां'. उन्होंने कहा कि यह पेशकश भारतीय वायुसेना की तरफ से सुनिश्चित ऑर्डर मिलने की शर्त पर है, जो अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नए लड़ाकू विमान खरीदने की सोच रहा है.
कई दूसरी कंपनियां भी कर चुकी हैं ऐसी ही पेशकश
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर कह चुके हैं कि भारत, भारतीय वायुसेना के लिए देश में ही विकसित तेजस विमान के अलावा 'मेक इन इंडिया' के माध्यम से कम से कम एक और विमान चुनेगा. भारतीय वायुसेना के ठेके लिए लॉकहीड मार्टिन को अमेरिका की ही अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनी बोइंग (एफए-18ई), फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन (राफेल), स्वीडन की साब कंपनी के ग्रिपेन के अलावा यूरोफाइटर से भी प्रतिस्पर्धा मिल रही है. इन सभी कंपनियों ने भारत में अपना विमान कारखाना लगाने की पेशकश की है.
लॉकहीड मार्टिन के अधिकारी हॉवर्ड ने कहा, 'पर हम ना केवल अपनी एकमात्र उत्पादन सुविधा भारत में स्थानांतरित करने की पेशकश कर रहे हैं, बल्कि उसी से हम दुनिया के बाकी बाजारों की जरूरत को भी पूरा करना चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि भारतीय क्षेत्र के लिए एफ-16 ब्लॉक-70 सबसे अच्छा लड़ाकू विमान है. भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह एक ऐसा भागीदार चुने जो अपने वायदे को पूरा कर सके.
उन्होंने संकेत दिया कि इस पेशकश के बारे में बातचीत चल रही है. कंपनी भारत में सरकार और कंपनियों के साथ विभिन्न प्रकार की चर्चाएं कर रही है. उन्हें 'जाने को नहीं कहा गया है.' उन्होंने कहा कि इस विमान का विनिर्माण भारत में होने पर इसकी लागत कम होगी और इससे इसकी दुनिया में मांग बढ़ेगी.
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने कुछ समय पहले यह युद्धक विमान खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन अमेरिकी सांसदों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद इस डील को रद्द कर दिया गया था.
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