पुदुच्चेरी के पूर्व मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने दावा किया है कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि विधायकों को डराया-धमकाया गया और कांग्रेस छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. पुदुच्चेरी में कांग्रेस के 4 विधायकों के त्यागपत्र के कारण नारायणसामी की सरकार चुनाव के कुछ महीने पहले ही गिर गई. कांग्रेस नेता ने इस बात से इनकार किया कि सत्ता गंवाने के पीछे विधायकों का उनके खिलाफ असंतोष था.
पुदुच्चेरी के पूर्व मुख्यमंत्री वी नारायणसामी (Former Puducherry Chief Minister V Narayanasamy) ने कांग्रेस के 4 विधायकों के इस्तीफे के बाद साढ़े चार साल पुरानी सत्ता गंवा दी. इनमें से तीन इस बात को लेकर कथित तौर पर नाराज थे कि पार्टी ने एक बाहरी व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दिया. 73 साल के नारायणसामी का पुदुच्चेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी के साथ लंबे समय से टकराव भी कांग्रेस के भीतर कई नेताओं को पसंद नहीं आया.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि किरण बेदी (Kiran Bedi) को पिछले हफ्ते अचानक हटाकर बीजेपी ने नारायणसामी के हाथ उनका एकमात्र सबसे बड़ा चुनावी दांव भी छीन लिया है. नारायणसामी ने एनडीटीवी को दिए खास इंटरव्यू में कहा कि जो विधायक उनके साथ 4 साल रहे, वे अचानक मेरे खिलाफ शिकायत करने लगे.
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि एक विधायक उनके पास आया और बोला कि उसे 22 करोड़ रुपये टैक्स चुकाना है. उससे कहा गया था कि अगर इस्तीफा दे दोगे तो उसके खिलाफ मामला बंद कर दिया जाएगा.
पैराशूट मुख्यमंत्री होने के आरोप पर नारायणसामी ने जोर देकर कहा कि यह आम सहमति से तय हुआ था, गांधी परिवार ने इसके लिए नहीं कहा था. नारायणसामी ने कहा, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उनकी नियुक्ति में कभी हस्तक्षेप नहीं किया. कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल पुदुच्चेरी में सभी विधायकों से मिला था और उन्होंने उनका चुनाव किया. इसमें नेतृत्व का कोई दखल नहीं था.
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