हाल ही में पाक का आरोप है कि उसने रॉ के कथित जासूस को अरेस्ट किया है
नई दिल्ली:
सरकार ने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के विदेशों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मियों को दिए जाने वाले कानूनी संरक्षण से संबंधित नियमों और नियमनों का ब्योरा देने से इनकार किया है।
मंत्रिमंडल सचिवालय ने सूचना के अधिकार कानून के तहत इस बारे में मांगे गए ब्योरे को देने से यह कह कर इनकार कर दिया कि कानून इस बारे में कोई खुलासा किए जाने से छूट प्राप्त है, सिवाय मानवाधिकार उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोपों को छोड़कर।
यह मुद्दा पाकिस्तान के इन आरोपों के मद्देनजर महत्वपूर्ण हो जाता है कि उसने भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एक कथित जासूस को गिरफ्तार किया है।
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के इन आरोपों से यह कहते हुए इनकार किया है कि गिरफ्तार व्यक्ति का भारत सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।
आरटीआई के तहत आवेदन दायर करने वाले वेंकटेश नायक ने कहा, ‘इस बारे में सार्वजनिक रूप से कोई सूचना नहीं है कि यदि, भगवान न करे कि ऐसा हो, विदेश में किसी भारतीय खुफियाकर्मी की हत्या हो जाती है तो क्या किया जाना चाहिए ।’ उन्होंने कहा, ‘यह एक चिंता है जो काफी जायज़ है, यद्यपि इसे पाकिस्तान में एक भारतीय नागरिक के पकड़े जाने की हालिया घटना पर टिप्पणी के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मंत्रिमंडल सचिवालय ने सूचना के अधिकार कानून के तहत इस बारे में मांगे गए ब्योरे को देने से यह कह कर इनकार कर दिया कि कानून इस बारे में कोई खुलासा किए जाने से छूट प्राप्त है, सिवाय मानवाधिकार उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोपों को छोड़कर।
यह मुद्दा पाकिस्तान के इन आरोपों के मद्देनजर महत्वपूर्ण हो जाता है कि उसने भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एक कथित जासूस को गिरफ्तार किया है।
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के इन आरोपों से यह कहते हुए इनकार किया है कि गिरफ्तार व्यक्ति का भारत सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।
आरटीआई के तहत आवेदन दायर करने वाले वेंकटेश नायक ने कहा, ‘इस बारे में सार्वजनिक रूप से कोई सूचना नहीं है कि यदि, भगवान न करे कि ऐसा हो, विदेश में किसी भारतीय खुफियाकर्मी की हत्या हो जाती है तो क्या किया जाना चाहिए ।’ उन्होंने कहा, ‘यह एक चिंता है जो काफी जायज़ है, यद्यपि इसे पाकिस्तान में एक भारतीय नागरिक के पकड़े जाने की हालिया घटना पर टिप्पणी के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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