नई दिल्ली:
दिल्ली बार काउंसिल ने 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार मामले के दोषियों के वकील एपी सिंह से उनकी इस टिप्पणी पर जवाब मांगा कि अगर उनकी बेटी अपने प्रेमी के साथ शादी से पूर्व यौन संबंध बनाती और रात में उसके साथ घूमती, तो वह बेटी को जिंदा जला देते।
सूर्य प्रकाश खत्री की अध्यक्षता में मंगलवार शाम हुई बैठक में दिल्ली बार काउंसिल के ज्यादातर सदस्यों ने इस पर संज्ञान लिया और एपी सिंह को उनकी टिप्पणी को लेकर कारण बताओ नोटिस दिया गया। दोषियों को 13 सितंबर को कोर्ट द्वारा फांसी की सजा का ऐलान किए जाने के बाद एपी सिंह ने यह टिप्पणी की थी।
बार काउंसिल के सचिव मुरारी तिवारी ने कहा कि वैसे यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में नहीं था, लेकिन सिंह के अपने बयान का बार-बार बचाव करने के बाद सदस्यों ने इसे गंभीरता से लिया और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा गया कि इस तरह की 'गैर-जरूरी टिप्पणियों' के लिए उनका लाइसेंस निलंबित क्यों नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम के तहत दिए गए काउंसिल के नोटिस पर एपी सिंह को 11 अक्टूबर तक जवाब देना है।
सूर्य प्रकाश खत्री की अध्यक्षता में मंगलवार शाम हुई बैठक में दिल्ली बार काउंसिल के ज्यादातर सदस्यों ने इस पर संज्ञान लिया और एपी सिंह को उनकी टिप्पणी को लेकर कारण बताओ नोटिस दिया गया। दोषियों को 13 सितंबर को कोर्ट द्वारा फांसी की सजा का ऐलान किए जाने के बाद एपी सिंह ने यह टिप्पणी की थी।
बार काउंसिल के सचिव मुरारी तिवारी ने कहा कि वैसे यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में नहीं था, लेकिन सिंह के अपने बयान का बार-बार बचाव करने के बाद सदस्यों ने इसे गंभीरता से लिया और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा गया कि इस तरह की 'गैर-जरूरी टिप्पणियों' के लिए उनका लाइसेंस निलंबित क्यों नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम के तहत दिए गए काउंसिल के नोटिस पर एपी सिंह को 11 अक्टूबर तक जवाब देना है।
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