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This Article is From Nov 04, 2015

कानून-व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी, अकादमी की नहीं : प्रसिद्ध वैज्ञानिक नार्लीकर

कानून-व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी, अकादमी की नहीं : प्रसिद्ध वैज्ञानिक नार्लीकर
नार्लीकर ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा कि पुरस्कारों को इस विरोध से ऊपर रखना चाहिए
नई दिल्ली: जाने-माने वैज्ञानिक जयंत नार्लीकर ने कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में साहित्य अकादमी सम्मान लौटाने को नामंजूर किया है, लेकिन कहा है कि कानून-व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है और जनाक्रोश इसे बनाए रखने के लिए जिम्मेदार लोगों की तरफ होना चाहिए।

नार्लीकर ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को लिखे पत्र में कहा कि पुरस्कारों की विशेष गरिमा होती है और उन्हें इस विरोध से ऊपर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि साहित्य अकादमी ने कलबुर्गी की हत्या पर देरी से प्रतिक्रिया दी। वहीं कई सम्मान विजेताओं का पुरस्कार लौटाना संस्थान में भावना की कमी पर उनके क्रोध का प्रतीक है।

भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में फैलो रहे नार्लीकर ने पत्र में लिखा, उक्त घटना के लिए साहित्य अकादमी को निश्चित रूप से कड़े शब्दों में अपना क्षोभ प्रकट करना चाहिए था। इसके फैलो और पुरस्कार विजेताओं को अकादमी पर स्वतंत्र सोच को दबाए जाने के माहौल की कड़ी निंदा के लिए दबाव बनाना चाहिए था।

उन्होंने कहा, हालांकि इस तरह से अकादमी पुरस्कारों को लौटाना उचित नहीं लगता। पुरस्कारों की एक विशेष गरिमा होती है जिनमें उनका राष्ट्रीय चरित्र झलकता है और इन्हें इस विरोध से ऊपर रखना चाहिए। नार्लीकर ने कहा कि बिगड़ती कानून-व्यवस्था के लिए साहित्य अकादमी की बजाय सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

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