रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को गोवा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय तटरक्षक बल के 'सचेत' और दो अवरोधक (इंटरसेप्टर) पोतों आइबी सी 450 और सी 451 का जलावतरण किया. भारतीय समुद्री इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी पोत का जलावतरण कोविड-19 महामारी के कठोर प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे एहतियाती कदमों को ध्यान में रखकर डिजिटल माध्यम से किया गया.
अत्याधुनिक नौवहन और संचार उपकरणों से सुसज्जित 'सचेत' का निर्माण और डिजाइन स्वदेशी कंपनी गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया गया है जो पांच अपतटीय निगरानी वाहनों में से एक है. 105 मीटर लंबा सचेत 2350 टन का है. यह करीब 50 किलोमीटर रफ्तार से 11,112 किलोमीटर तक जा सकता है. इस युद्धपोत में दो हेलीकॉप्टर, चार हाई स्पीड बोट और राहत और बचाव अभियान के लिए एक इनफ्लैटएबल बोट की व्यवस्था है. इसमें पॉल्युशन रिस्पांस उपकरण भी है जो समुद में प्रदूषण के रिसाव पर नजर रखता है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि इन पोतों का जलावतरण भारत की तटीय पोत निर्माण प्रक्रिया में मील का पत्थर साबित होगा. कोविड-19 जैसी चुनौतियों के बावजूद यह हमारे देश की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और दृढ़निश्चय की एक मिसाल है.
देश के समुद्री तटों की रक्षक और विश्व के चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल की भूमिका की प्रशंसा करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह न केवल समुद्री तटों और सामुद्रिक समुदायों की रक्षा करता है बल्कि विशेष आर्थिक क्षेत्र के आर्थिक कार्यकलापों और सामुद्रिक परिवेश का संवर्धन भी करता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं