लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में खुद को शिक्षकों की हितैषी बताने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) की अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता संभाले एक हफ्ता भी नहीं बीता है, और शिक्षक बनने के अभिलाषियों पर दूसरी बार लाठीचार्ज किया गया है। प्राइमरी टीचर की परीक्षा देने वालों पर मंगलवार को राजधानी लखनऊ में ही ऐन विधानसभा के पास जमकर लाठियां बरसीं।
ये सभी अभ्यर्थी पिछले साल हुई टीईटी परीक्षा में धांधली की शिकायत लेकर यहां इकट्ठा हुए थे, और विधानसभा के नज़दीक जाने की कोशिश कर रहे थे। पिछले साल 11 लाख उम्मीदवारों ने 72 हज़ार पदों के लिए परीक्षा दी थी, जिसका परिणाम पिछले साल 25 नवंबर को आया था, और उसमें बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया गया था।
इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने भर्ती की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी, और इसके अलावा इसी मामले को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भी सस्पेंड किया जा चुका है।
ये सभी अभ्यर्थी पिछले साल हुई टीईटी परीक्षा में धांधली की शिकायत लेकर यहां इकट्ठा हुए थे, और विधानसभा के नज़दीक जाने की कोशिश कर रहे थे। पिछले साल 11 लाख उम्मीदवारों ने 72 हज़ार पदों के लिए परीक्षा दी थी, जिसका परिणाम पिछले साल 25 नवंबर को आया था, और उसमें बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया गया था।
इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने भर्ती की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी, और इसके अलावा इसी मामले को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भी सस्पेंड किया जा चुका है।
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