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श्रीलंका के एक मंत्री द्वारा तमिलों के खिलाफ की गई एक उत्तेजक टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए द्रमुक अध्यक्ष एम करूणानिधि ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से श्रीलंका सरकार के समक्ष यह मामला उठाने की मांग की।
प्रधानमंत्री को भेजे गए एक फैक्स संदेश में करूणानिधि ने कहा, ‘‘हमें इस बात की जानकारी मिली है कि श्रीलंका के कैबिनेट मंत्री चंपिका राणावाका ने एक मुल्लीवाईकल (जहां लिट्टे के खिलाफ युद्ध में बड़ी संख्या में तमिल नागरिक कथित तौर पर मारे गए थे) काफी है और किसी को भी ऐसे और सैकड़ों परिणाम की कोशिश नहीं करनी चाहिए।’’ करूणानिधि ने कहा, ‘‘यह टिप्पणी बुहत उत्तेजक है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। दुनिया भर के तमिल इससे चिंतित हैं।’’
करूणानिधि ने लिखा, ‘‘मैं इसलिए आपसे अनुरोध करता हूं कि इस मामले को श्रीलंकाई सरकार के सामने उठाए और श्रीलंकाई सरकार को संयम बरतने और मानवतावाद अपनाने की सलाह दें। संयुक्त राष्ट्र को भी श्रीलंकाई सरकार के इस कठोर रवैये के बारे में अवगत कराया जा सकता है।’’
तमिल राष्ट्रीय गठबंधन के सांसद आर संबंतन ने तमिल अधिकारों को लेकर कहा था कि अगर तमिलों को उनके अधिकारों से वंचित किया गया तो ‘बाहरी आत्मनिर्णय’ के लिए लड़ाई छिड़ सकती है। इसके बाद श्रीलंकाई मंत्री ने कथित तौर पर ये टिप्पणी की?
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Sri Lankan Minister's Remarks On Tamils, LTTE, Angers DMK, Karunanidhi, श्रीलंका के मंत्री का लिट्टे पर बयान, तमिलों पर बयान, डीएमके नाराज, करूणानिधि