लालू यादव के पुत्र तेज प्रताप और तेजस्वी (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली:
लालू यादव के दोनों बेटे बिहार में मंत्री बन गए। तेजस्वी तो उपमुख्यमंत्री हैं... जाहिर है लालू यादव ने आखिरकार अपने राजनैतिक वारिस की घोषणा कर दी है।
तेजस्वी में राजनैतिक तेजी
राजनैतिक रूप से तेजस्वी काफी तेज हैं, भले ही 9वीं पास हों, मगर फर्राटे से अंग्रेजी बोलते हैं। उनका संस्कारी होना भी उस वक्त दिखा जब उन्होंने मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के पांव शपथ ग्रहण समारोह के मंच पर छुए। यहां पर भी तेज प्रताप चूक गए। उन्हें नीतिश कुमार के आशीर्वाद लेने की सुध नहीं रही, मगर शपथ ग्रहण के दौरान जो कुछ हुआ वैसा अक्सर होता नहीं है। तेज प्रताप शायद घबराहट में या फिर उत्तेजना में शपथ के दौरान कुछ शब्दों का उच्चारण सही ढंग से नहीं कर पाए और राज्यपाल को उन्हें दुबारा शपथ लेने के लिए कहना पड़ा। तब जाकर तेज प्रताप की शपथ पूरी हुई।
नीतीश के कौशल का परीक्षण
लालू यादव को कैसा लगा होगा पता, नहीं मगर बहुतों को अच्छा नहीं लगा। कई लोग मानते हैं कि लालू यादव की पारिवारिक मजबूरी थी कि तेज प्रताप को मंत्री बनाना पड़ा। तेजस्वी उप मुख्यमंत्री के अलावा सड़क और भवन निर्माण मंत्री होंगे तो तेज प्रताप के पास स्वास्थ्य मंत्रालय होगा। अब यह मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के प्रशासनिक कौशल की परीक्षा होगी कि वे अपने मंत्रियों से कैसे काम लेते हैं, क्योंकि कुछ भी गलत हुआ तो सुशासन बाबू की छवि पर ही असर पड़ेगा।
तेजस्वी में राजनैतिक तेजी
राजनैतिक रूप से तेजस्वी काफी तेज हैं, भले ही 9वीं पास हों, मगर फर्राटे से अंग्रेजी बोलते हैं। उनका संस्कारी होना भी उस वक्त दिखा जब उन्होंने मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के पांव शपथ ग्रहण समारोह के मंच पर छुए। यहां पर भी तेज प्रताप चूक गए। उन्हें नीतिश कुमार के आशीर्वाद लेने की सुध नहीं रही, मगर शपथ ग्रहण के दौरान जो कुछ हुआ वैसा अक्सर होता नहीं है। तेज प्रताप शायद घबराहट में या फिर उत्तेजना में शपथ के दौरान कुछ शब्दों का उच्चारण सही ढंग से नहीं कर पाए और राज्यपाल को उन्हें दुबारा शपथ लेने के लिए कहना पड़ा। तब जाकर तेज प्रताप की शपथ पूरी हुई।
नीतीश के कौशल का परीक्षण
लालू यादव को कैसा लगा होगा पता, नहीं मगर बहुतों को अच्छा नहीं लगा। कई लोग मानते हैं कि लालू यादव की पारिवारिक मजबूरी थी कि तेज प्रताप को मंत्री बनाना पड़ा। तेजस्वी उप मुख्यमंत्री के अलावा सड़क और भवन निर्माण मंत्री होंगे तो तेज प्रताप के पास स्वास्थ्य मंत्रालय होगा। अब यह मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के प्रशासनिक कौशल की परीक्षा होगी कि वे अपने मंत्रियों से कैसे काम लेते हैं, क्योंकि कुछ भी गलत हुआ तो सुशासन बाबू की छवि पर ही असर पड़ेगा।
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