बिछड़ गया यार : कांपते हाथों से आडवाणी ने दी अटल को श्रद्धांजलि, लौटे तो कांपे कदम

अटल बिहारी वाजपेयी की मुलाकात लालकृष्ण आडवाणी से कैसे हुई यह कहानी भी बहुत रोचक है.

बिछड़ गया यार : कांपते हाथों से आडवाणी ने दी अटल को श्रद्धांजलि, लौटे तो कांपे कदम

65 सालों की राजनीति में अटल-आडवाणी एक नाम बन गये थे.

खास बातें

  • अटल-आडवाणी भारतीय राजनीति का एक नाम
  • साथ मिलकर की थी बीजेपी की स्थापना
  • राजनीति में हिट जोड़ी थी दोनों की
नई दिल्ली:

राजघाट के पीछे स्मृति वन का माहौल ही कुछ ऐसा था. भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ रहा था. प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने सहित देश-विदेश नेताओं को ने अटल बिहारी वाजपेयीको श्रद्धांजलि दी. लेकिन उस समय भावनाओं का ज्वार सबकी आंखों में आ गया जब कांपती हांथों से लालकृष्ण आडवाणी ने उस शख्स को श्रद्धांजलि जिसके साथ उन्होंने जीवन के 65 सालों बिताये. जनसंघ से दोनों का सफर शुरू हुआ था उसके बाद दोनों ने मिलकर बीजेपी की स्थापना की. आज बीजेपी केंद्र सहित 20 राज्यों की सत्ता में है. आडवाणी की श्रद्धांजलि के साथ ही एक राजनीति का एक पूरा युग सबकी आंखों में तैर गया. भावुक आडवाणी जैसे ही श्रद्धांजलि देकर पीछे मुड़ते हैं तो कुछ कदम चलते ही उनके पैर लड़खड़ा जाते हैं. उस समय ऐसा ललगता है कि मानो लालकृष्ण आडवाणी के कदमों को किसी ने रोक लिया है. लेकिन फिर वह धीरे-धीरे कदमों से आगे बढ़ते चले गये. उनके गदुख और दर्द को साफ देखा और समझा जा सकता था. 
v2mr7d48(लालकृष्ण आडवाणी)

dcfsnpe

(65 साल की दोस्ती)

आज के नेताओं को जरूर सीखनी चाहिये अटल बिहारी वाजपेयी से ये बातें

अटल बिहारी वाजपेयी की मुलाकात लालकृष्ण आडवाणी से कैसे हुई यह कहानी भी बहुत रोचक है. अटल जी एक बार सहयोगी के तौर पर पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ ट्रेन से मुंबई जा रहे थे. मुखर्जी कश्मीर के मुद्दे पर पूरे देश का दौरा कर रहे थे. लालकृष्ण आडवाणी कोटा में प्रचारक थे. उनको पता लगा कि उपाध्याय जी इस स्टेशन से गुजरने वाले हैं तो वह मिलने आ गये. वहीं पर मुखर्जी ने दोनों की मुलाकात करवाई थी.

3fjuq6ig
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

(लालकृष्ण आडवाणी ने दी श्रद्धांजलि)
संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले: अटल जैसे व्यक्ति बार-बार नहीं मिलते, युगों में एक होते हैं


उधर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन समेत तमिलनाडु के विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने शुक्रवार को यहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की. पलनीस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ.पनीरसेल्वम के साथ भाजपा मुख्यालय गए और वाजपेयी के पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किया. मुख्यमंत्री ने वाजपेयी को ऐसा वैश्विक नेता बताया जिन्होंने प्रधानमंत्री के कार्यकाल और अपने सार्वजनिक जीवन में देश की सेवा के लिए बेहतरीन काम किया. स्टालिन कृष्ण मेनन मार्ग स्थित दिवंगत नेता के आवास गए और वहां उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किया. उनके साथ उनकी बहन और राज्यसभा सांसद कनिमोझी, पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन और सांसद तिरुचि शिवा थे। स्टालिन ने वाजपेयी के नेतृत्व की विशेषताओं को याद किया और राजमार्गो को जोड़ने वाली स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना का उल्लेख किया. 
लाल कृष्ण आडवाणी ने अटल जी को दी अंतिम श्रद्धांजलि​

वाजपेयी के मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे द्रमुक नेता टी.आर. बालू और ए. राजा ने भी भाजपा मुख्यालय में वाजपेयी के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की. अन्नाद्रमुक, द्रमुक, एमडीएमके उन गठबंधन सरकारों का हिस्सा रही थीं, जिन्हें वाजपेयी ने 1998 और 2004 के बीच चलाया था. तमिलनाडु की भाजपा इकाई के अध्यक्ष तमिलसाई सुंदरराजन ने भी वाजपेयी के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.