यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों की 'हत्या' मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई है. पुलिस जांच को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस बीच अदालत से जमानत देने के बारे में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी से सवाल किया गया तो वह मुस्कुराए और कुछ नहीं बोले.
अजय मिश्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में गृह राज्य मंत्री हैं. आशीष मिश्रा उन्हीं के बेटे हैं. आशीष मिश्रा पर कृषि कानूनों के खिलाफ एक विरोध मार्च के दौरान लखीमपुर खीरी में किसानों को वाहन से कुचलने का आरोप है. इस घटना के कुछ दिनों बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. वहीं जब से इस मामले में आशीष मिश्रा को जमानत मिली है, विपक्ष हमलावर हो गया है.
Tried asking @ajaymishrteni about the propriety of his son getting bail . He did not answer . Kept smiling … pic.twitter.com/ELC124X14e
— Alok Pandey (@alok_pandey) February 11, 2022
लखीमपुर में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा से आशीष मिश्रा के जमानत को लेकर विपक्ष के हमलावर रूख पर सवाल किया गया तो वह मुस्कुराए और अपनी कार में बैठ कर चल दिए.
लखीमपुर खीरी केस में हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री के बेटे को क्यों दी ज़मानत : 10 अहम बातें
वहीं इस मामले पर प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि एक मंत्री के पुत्र ने 6 किसानों को कुचला, क्या उसने इस्तीफा दिया. हमारे प्रधानमंत्री जी बहुत नेक हैं, सब कहते हैं बहुत अच्छे हैं, बहुत नेक हैं, तो उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं मांगा अपने मंत्री से. क्या देश के प्रति उनकी कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं थी.
वहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि जमानत के 3 बुनियादी सिद्धांत हैं कि आरोपी को सक्षम नहीं होना चाहिए: 1. गवाहों को डराना, 2. सबूत नष्ट करें, 3. उड़ान जोखिम बनें. आशीष मिश्रा जमानत की शर्त 1 को कैसे पूरा करते हैं? चुनावी मौसम में 3 दिन बाद ही गिरफ्तार मंत्री का बेटा?
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