पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद झारखंड ने भारत के Border Roads Organisation (BRO) प्रोजेक्ट के लिए भारत-चीन बॉर्डर पर भेजे जा रहे मजदूरों की ट्रेन को स्थगित कर दिया है. लद्दाख की गलवान घाटी में बीती सोमवार की रात को भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें एक कर्नल सहित 20 जवानों ने जान गंवा दी. इसके बाद मंगलवार को झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने इस ट्रेन को कैंसल कर दिया. 13 जून को ही हेमंत सोरेन ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी.
दुमका के डिप्टी कमिश्नर राजेश्वरी बी ने बताया, '13 जून को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने इंडो-चीन बॉर्डर के BRO प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए 1,600 लोगों को ले जा रही इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. अगली ट्रेन मंगलवार को निकलने वाली थी, जिसमें इतने ही लोग फिर जाने थे. लेकिन बॉर्डर पर तनाव और सुरक्षा कारणों को देखते हुए राज्य सरकार ने मजदूरों के हित में इस ट्रेन को स्थगित करने का फैसला किया है.'
उन्होंने बताया, 'हमारे राज्य के मजदूर वहां काम करते थे, जब हालात सामान्य हो जाएंगे, तब इन ट्रेनों को फिर शुरू किया जाएगा. जो मजदूर इसके चलते वहां नहीं जा पाए हैं, उनके लिए हम राज्य में ही मनरेगा के तहत रोजगार देने की कोशिश कर रहे हैं.'
बता दें कि भारतीय सेना ने मंगलवार को एक बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की थी कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की ओर से यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश के चलते दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें 20 जवानों ने जान गंवाई है. भारत का कहना है कि अगर चीनी सेना ने शीर्ष स्तर पर हुई बातचीत में हुए समझौतों का खयाल रखा होता तो इस भारी नुकसान से बचा जा सकता था.
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