कुलभूषण जाधव की फाइल तस्वीर
इस्लामाबाद/नई दिल्ली:
भारत ने पाकिस्तान में कथित जासूसी के आरोपों में सैन्य अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मौत की सजा को रोकने के लिए प्रक्रिया आरंभ के मकसद से बुधवार को जाधव की मां की अपील पाकिस्तान को सौंपी.
भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले ने बुधवार को जाधव की तरफ से यह अपील पाकिस्तानी विदेश सचिव तहमीना जांजुआ को सौंपी. उन्होंने जाधव की मां की वह याचिका भी दी, जिसमें उन्होंने अपनी बेटे की रिहाई के लिए पाकिस्तान सरकार के दखल की मांग की है और अपने बेटे से मिलने की इच्छा जताई है.
नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि तहमीना से मुलाकात के दौरान उनसे राजनयिक मदद का एक बार फिर आग्रह किया गया. भारत की ओर से जाधव के मामले में राजनयिक मदद का 16वीं बार आग्रह किया गया है. बहरहाल, पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार तहमीना जांजुआ ने बम्बावाले की मांग खारिज करते हुए कहा कि द्विपक्षीय समझौते के तहत राजनयिक मदद जासूसों के लिए नहीं, कैदियों के लिए होती है.
पाकिस्तान बीते एक साल में कई बार 46-वर्षीय जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने के भारत के अनुरोधों को कई बार खारिज कर चुका है. पाकिस्तान की सेना जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने की मंजूरी की किसी भी गुंजाइश को पहले ही खारिज कर चुकी है. जाधव को कथित रूप से जासूसी एवं विघटनकारी गतिविधियों के लिए मौत की सजा सुनाई गई है. अपनी याचिका में जाधव की मां ने पाकिस्तान सरकार से अपने बेटे की रिहाई के लिए दखल की मांग की है और अपने बेटे से मिलने की इच्छा जताई है.
पाकिस्तान में अपील की व्यवस्था के अनुसार मौत की सजा पाए व्यक्ति को 40 दिनों के भीतर अपीली अदालत का रुख करना होता है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, 'पाकिस्तान से यह भी आग्रह किया गया है कि जाधव की मां और पिता को वीजा दिया जाए. वे उनसे मिलने के लिए पाकिस्तान जाना चाहते हैं और वे निजी रूप से याचिका और अपील दायर करना चाहते हैं. उन्होंने वीजा के लिए नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के समक्ष आवेदन किया है.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले ने बुधवार को जाधव की तरफ से यह अपील पाकिस्तानी विदेश सचिव तहमीना जांजुआ को सौंपी. उन्होंने जाधव की मां की वह याचिका भी दी, जिसमें उन्होंने अपनी बेटे की रिहाई के लिए पाकिस्तान सरकार के दखल की मांग की है और अपने बेटे से मिलने की इच्छा जताई है.
नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि तहमीना से मुलाकात के दौरान उनसे राजनयिक मदद का एक बार फिर आग्रह किया गया. भारत की ओर से जाधव के मामले में राजनयिक मदद का 16वीं बार आग्रह किया गया है. बहरहाल, पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार तहमीना जांजुआ ने बम्बावाले की मांग खारिज करते हुए कहा कि द्विपक्षीय समझौते के तहत राजनयिक मदद जासूसों के लिए नहीं, कैदियों के लिए होती है.
पाकिस्तान बीते एक साल में कई बार 46-वर्षीय जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने के भारत के अनुरोधों को कई बार खारिज कर चुका है. पाकिस्तान की सेना जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने की मंजूरी की किसी भी गुंजाइश को पहले ही खारिज कर चुकी है. जाधव को कथित रूप से जासूसी एवं विघटनकारी गतिविधियों के लिए मौत की सजा सुनाई गई है. अपनी याचिका में जाधव की मां ने पाकिस्तान सरकार से अपने बेटे की रिहाई के लिए दखल की मांग की है और अपने बेटे से मिलने की इच्छा जताई है.
पाकिस्तान में अपील की व्यवस्था के अनुसार मौत की सजा पाए व्यक्ति को 40 दिनों के भीतर अपीली अदालत का रुख करना होता है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, 'पाकिस्तान से यह भी आग्रह किया गया है कि जाधव की मां और पिता को वीजा दिया जाए. वे उनसे मिलने के लिए पाकिस्तान जाना चाहते हैं और वे निजी रूप से याचिका और अपील दायर करना चाहते हैं. उन्होंने वीजा के लिए नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के समक्ष आवेदन किया है.'
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