ख़बर और असर के बीच के वक्त में आकाश को हम रोक नहीं पाए। बिस्तर से उठकर अनंत देखने की चाहत थी, हम उसे हंसते−खिलखिलाते देखना चाहते थे, लेकिन वह शैतान कहां रुकने वाला था। सबको छोड़कर चला गया।
दादी बिलखती रही हर दिन इसी इंतज़ार में काट रही थी कि अपनी मेहनत और थोड़ी से बचत से आकाश को बचा लेगी पर वह माना नहीं।
मुंबई से सटे पालघर में रहती हैं 74 साल की हंसाबेन। बेटे−बहू सालों पहले चल बसे छोटे बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। चार पोते−पोतियां हैं। दो थैलेसीमिया से पीड़ित हैं। उसमें से भी सात साल के आकाश ने रविवार को अस्पताल में दम तोड़ दिया। अब 10 साल की पोती को बचाना है। मदद के लिए एक नहीं कई हाथ चाहिए।
हंसाबेन का बड़ा पोता जय अब घर संभालता है। 10वीं तक पढ़ाई हो पाई। 5000 रुपये तनख्वाह है। ऐसे में अब बहन को बचाना बड़ी चुनौती है। मुंबई के जेजे अस्पताल से मुफ्त खून मिल जाता है, लेकिन आगे के इलाज के लिए लाखों की जरूरत है। आकाश तो अब दुनिया में नहीं रहा, लेकिन कृपा को बचाया जा सकता है।
उनका इलाज करने वाले डॉ अमित सामंत का कहना है कि कृपा का बग़ैर बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन पूरी तरह से ठीक होना मुमकिन नहीं है। इस ऑपरेशन में लाखों का खर्चा आएगा, लेकिन जबतक ऑपरेशन नहीं होगा वो अपनी ज़िंदगी ठीक से नहीं जी सकते।
आकाश को तस्वीरें बनाने, उनमें रंग भरने का शौक था। आखिरी तस्वीर में उसने कई झरोखे बनाए हैं। काश हम और आप इन्हें खोल पाएं। हाथ उठाएं। कृपा को तो हम बचा ही सकते हैं, उसे हमारी ज़रूरत है।
पैसों से मदद करें
हंसाबेन लक्ष्मीशंकर जानी
शामराव विठ्ठल कॉपरेटिव बैंक खाता क्रमांक − 104203130003831
आईएफएससी कोड SVCB0000042
भाई जय जानी − मोबाइल 9960949630
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