
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बनाए गए हैं केशव प्रसाद मौर्य.
नई दिल्ली:
यूपी में पिछड़ों और दलितों का चेहरा माने जाने वाले केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश का डिप्टी सीएम बनाया गया है. मौर्य ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में यूपी चुनावों की बीजेपी की कमान संभाली थी. बीजेपी में केशव प्रसाद मौर्य का राजनीतिक जीवन 2012 में शुरू हुआ. 2012 में इलाहाबाद की सिराथू सीट से वह MLA बने. 2014 में वह फूलपुर सीट से सांसद बने और 2016 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बन गए. बीजेपी में उनका राजनीतिक जीवन 4 साल का ही है लेकिन वीएचपी और बजरंग दल में वह 12 साल रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही मौर्य भी बचपन में चाय बेचते थे. इसलिए कहा जाता है कि पीएम मोदी का भी उनसे लगाव रहा है.
सिराथू जनपथ कौशाम्बी में किसान परिवार में पैदा हुए केशव प्रसाद मौर्य के बारे में कहा जाता है कि उन्होने संघर्ष के दौर में पढ़ाई के लिए अखबार बेचे और चाय की दुकान की.मौर्य कोइरी समाज से हैं और यूपी में कुर्मी, कोइरी और कुशवाहा ओबीसी में आते हैं.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- वह वीएचपी नेता अशोक सिंघल के क़रीबी रहे हैं. उन्होंने 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सिराथू विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर किस्मत आजमाई और जीत दर्ज की.
दो साल तक विधायक रहने के बाद 2014 लोकसभा चुनाव में पहली बार फूलपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर लोकसभा पहुंच गए. 2014 में सांसद बनने के बाद केशव प्रसाद मौर्य का कद पार्टी में काफी बढ़ गया और 2016 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. बीजेपी में उनका राजनीतिक सफर भले ही ज्यादा लंबा नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक करियर शुरू करने से पहले वो विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल में करीब 18 साल तक प्रचारक रहे हैं. मौर्य पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. लोकसभा चुनाव के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे से साफ है कि उन पर दस गंभीर आरोपों में मामले दर्ज हैं.
सिराथू जनपथ कौशाम्बी में किसान परिवार में पैदा हुए केशव प्रसाद मौर्य के बारे में कहा जाता है कि उन्होने संघर्ष के दौर में पढ़ाई के लिए अखबार बेचे और चाय की दुकान की.मौर्य कोइरी समाज से हैं और यूपी में कुर्मी, कोइरी और कुशवाहा ओबीसी में आते हैं.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- वह वीएचपी नेता अशोक सिंघल के क़रीबी रहे हैं. उन्होंने 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सिराथू विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर किस्मत आजमाई और जीत दर्ज की.
दो साल तक विधायक रहने के बाद 2014 लोकसभा चुनाव में पहली बार फूलपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर लोकसभा पहुंच गए. 2014 में सांसद बनने के बाद केशव प्रसाद मौर्य का कद पार्टी में काफी बढ़ गया और 2016 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. बीजेपी में उनका राजनीतिक सफर भले ही ज्यादा लंबा नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक करियर शुरू करने से पहले वो विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल में करीब 18 साल तक प्रचारक रहे हैं. मौर्य पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. लोकसभा चुनाव के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे से साफ है कि उन पर दस गंभीर आरोपों में मामले दर्ज हैं.
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