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This Article is From Nov 28, 2019

उद्धव ठाकरे वहीं लेंगे शपथ जहां से शिवसेना ने की थी राजनीति की शुरुआत, शिवाजी पार्क के विषय में जानें सबकुछ

शिवाजी पार्क मैदान 1966 में भगवा दल की पहली रैली से लेकर पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार और 1995 में पार्टी की ओर से पहले मुख्यमंत्री बने मनोहर जोशी के शपथ ग्रहण तक का गवाह रहा है.

उद्धव ठाकरे वहीं लेंगे शपथ जहां से शिवसेना ने की थी राजनीति की शुरुआत, शिवाजी पार्क के विषय में जानें सबकुछ
उद्धव ठाकरे शाम साढ़े छह बजे शिवाजी पार्क में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
28 एकड़ में फैला है शिवाजी पार्क
1927 में शिवाजी के नाम पर रखा गया नाम
इसी मैदान में कभी खेले हैं सचिन तेंदुलकर और विनोद काम्बली
मुंबई:

महाराष्‍ट्र में सियासी तूफान थमने के बाद अब सरकार की शक्‍ल दिखने लगी है. शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार महाराष्‍ट्र की सत्‍ता में दाखिल हो रही है. सत्‍ता की कमान शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के हाथों में होगी. उद्धव ठाकरे ऐसे दूसरे व्‍यक्‍ति होंगे जो शिवसेना से मुख्‍यमंत्री बनेंगे. इससे पहले 1995 में पार्टी की ओर से पहले मुख्यमंत्री बने थें मनोहर जोशी.

मुंबई के दादर में स्थित शिवाजी पार्क बीते पांच दशक के दौरान शिवसेना की राजनीति का केंद्र रहा है. यह मैदान 1966 में भगवा दल की पहली रैली से लेकर पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार और 1995 में पार्टी की ओर से पहले मुख्यमंत्री बने मनोहर जोशी के शपथ ग्रहण तक का गवाह रहा है. अब इसी मैदान में बृहस्पतिवार की शाम को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. यह मैदान शहर के सामाजिक ताने बाने का हिस्सा रहा है.

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इस मैदान ने ठाकरे परिवार की चार पीढ़ियों के जरिए शिवसेना का उदय देखा है. इन चार पीढ़ियों में केशव जिन्हें प्रबोधनकार (सामाजिक सुधारक) नाम से जाना जाता है, उनके बेटे बाल ठाकरे, उद्धव, राज और आदित्य शामिल हैं. दादर-वडाला-माटुंगा-सायन-माहिम शहर योजना के तहत परिकल्पित 28 एकड़ में फैला खेल का मैदान 1925-26 में दादर में पहली बार अस्तित्व में आया था. शिवाजी पार्क इलाके में 80 साल से रह रहे अशोक रावत के अनुसार 1927 में मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी की जयंती पर इसका नाम शिवाजी पार्क रखा गया. इस मैदान में खेल से संबंधित कई कार्यक्रम होते हैं, जिनमें क्रिकेट और फुटबॉल, मलखंब और खोखो जैसे खेल शामिल हैं. इसी मैदान में खेल कर दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और विनोद काम्बली बड़े हुए हैं.

‘द कज़िन्स ठाकरे : उद्धव, राज एंड शैडो ऑफ देयर सेनाज़' के लेखक धवल कुलकर्णी के अनुसार इस मैदान में स्वतंत्रता आंदोलनों की बैठकें भी होती थी और यह 1960 के दशक में पूर्ण राज्य की मांग को लेकर चलाया गया संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन का भी गवाह बना. ‘जय महाराष्ट्र- हा शिवसेना नवचा इतिहास आहे' (शिवसेना का इतिहास) के लेखक वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश अकोलकर के अनुसार अक्टूबर 1966 में जब बाल ठाकरे ने पहली रैली शिवाजी पार्क में संबोधित की थी तब परिवार इस बात को लेकर आशंकित था कि क्या भीड़ आएगी.

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इसी मैदान में बाल ठाकरे दशहरा रैली को संबोधित करते थे और अब उनके बेटे संबोधित करते हैं. यह मैदान पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के लिए आस्था का केंद्र है. बाल ठाकरे के निधन के बाद इसी मैदान में लाखों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया था. दिलचस्प है कि उद्धव के चचेरे भाई राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की पहली रैली भी शिवाजी पार्क में की थी.
(इनपुट-भाषा)

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