सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की योजना का पुरातत्ववेत्ता के के मोहम्मद ने विरोध किया है. अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल की खुदाई करने वाले दल का हिस्सा रह चुके के के मोहम्मद ने रविवार को कहा कि अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से मुस्लिम समुदाय को कोई फायदा नहीं होगा.
नागपुर में "भारतीय मंदिर : शोध एवं पुरातात्विक खोज" विषय पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा "वे पुनर्विचार याचिका दायर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इससे फायदा नहीं मिलेगा."
बता दें, इससे पहले अयोध्या भूमि विवाद मामले के मुख्य वादी इकबाल अंसारी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की योजना से दूरी बना ली थी. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही अंसारी ने कहा था कि वह फैसले पर पुनर्विचार की मांग नहीं करेंगे. वहीं, AIMPLB ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का रविवार को फैसला लिया था. इसके कुछ ही समय बाद ही अंसारी ने कहा था कि पुनर्विचार की मांग करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि नतीजा यही रहेगा. यह कदम सौहार्दपूर्ण वातावरण को भी बिगाड़ेगा.
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