Kisan Aandolan: किसान नेताओं ने तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले का मंगलवार को स्वागत किया, लेकिन कहा कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे. करीब 40 आंदोलनकारी किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने अगले कदम पर विचार करने के लिए बैठक बुलाई है. किसान नेताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त किसी भी समिति के समक्ष वे किसी भी कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहते हैं लेकिन इस बारे में औपचारिक निर्णय मोर्चा लेगा.
यह किसी पक्ष की जीत नहीं, सिर्फ निष्पक्षता की जीत : 'कृषि कानून' पर SC के 5 अहम कमेंट्स
मोर्चा के वरिष्ठ नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, ‘‘कृषि कानूनों पर रोक लगाने के अदालत के आदेश का हम स्वागत करते हैं लेकिन हम चाहते हैं कि कानून पूरी तरह वापस लिए जाएं.''एक अन्य किसान नेता हरिंदर लोखवाल ने कहा कि जब तक विवादास्पद कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते हैं, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अगले आदेश तक विवादास्पद कृषि कानूनों पर रोक लगा दी और एक समिति का गठन करने का निर्णय किया ताकि केंद्र और किसान संगठनों के बीच जारी गतिरोध का समाधान किया जा सके. इन कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
कमेटी गठन को लेकर क्यों राजी नहीं हैं अन्नदाता? किसान नेता ने NDTV को बताई वजह
प्रधान न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वह इस बारे में आदेश पारित करेगी. समिति तीनों कानूनों के खिलाफ किसानों की शिकायतों पर गौर करेगी. हरियाणा और पंजाब सहित देश के विभिन्न हिस्सों के किसान पिछले वर्ष 28 नवंबर से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं और तीनों कानूनों को वापस लेने तथा अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी की मांग कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों को लागू करने पर अगले आदेश तक लगाई रोक
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं