भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की सेवानिवृत्त अधिकारी किरण बेदी ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस को चाहिए कि वह सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके गांगुली के साथ तहलका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल जैसा ही बर्ताव करे।
उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति गांगुली और तेजपाल, दोनों पर उनकी कनिष्ठ महिला सहकर्मियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
देश की शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त होने के बाद पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष बने गांगुली अपनी इंटर्न के साथ 'अप्रिय व्यवहार' के दोषी पाए गए हैं।
गांगुली के खिलाफ आरोप की जांच कर रही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय समिति ने गांगुली को प्रथम दृष्ट्या दोषी पाया। समिति अपनी रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सतशिवम को सौंप चुकी है।
आईपीएस में पहली महिला अधिकारी रह चुकीं बेदी ने शुक्रवार को अपने ट्विटर खाते पर टिप्पणी में कहा कि दिल्ली और कोलकाता पुलिस को गोवा पुलिस से सीख लेनी चाहिए।
ज्ञात हो कि गोवा पुलिस तेजपाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रही है।
तहलका की पीड़ित पत्रकार और पूर्व प्रबंध संपादक शोमा चौधरी के बीच ईमेल के जरिए हुए संदेशों का आदान- प्रदान सार्वजनिक होने के बाद गोवा पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए प्रारंभिक जांच पड़ताल के बाद तेजपाल के खिलाफ स्वत: प्राथमिकी दर्ज कर ली थी।
बेदी ने अपने ट्वीट में कहा है, "दिल्ली और कोलकाता पुलिस भी वैसा ही कर सकती है, जैसा गोवा पुलिस ने तेजपाल मामले में किया। हमें इस बात का इंतजार है कि देखें दोनों राज्यों की पुलिस के साथ-साथ शिकायतकर्ता क्या करती है।"
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