
किरण बेदी की तुलना हिटलर से की गई...
नई दिल्ली:
पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी और राज्य सरकार के बीच एक बार फिर टकराव देखने को मिल रहा है. किरण बेदी ने ट्वीटर पर कुछ अखबारों के हिस्से ट्वीट किए हैं, जिनमें किरण बेदी की तुलना हिटलर से की गई है. इसमें किरण बेदी की तस्वीर को हिटलर की तरह बनाकर दिखाया गया है.ये पोस्टर राज्य में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए हैं. किरण बेदी का खुद इन पोस्टरों को ट्वीट करना दिखाता है कि उनके और राज्यसरकार के बीच सबकुछ ठीक नहीं है.
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व्हॉट्सऐप पर रोक के सीएम के फैसले को उपराज्यपाल किरण बेदी ने पलटा
हालांकि किरण बेदी इस पर कहती रही हैं कि वह एक 'रबड़ स्टांप' नहीं हैं और एक प्रशासक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं. केंद्रशासित प्रदेश में वी. नारायणसामी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार का किरण बेदी से टकराव रहा है. मैं फाइलों की जांच करूंगी क्योंकि एक प्रशासक के तौर पर यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि विवेकपूर्ण वित्तीय व्यवस्था, निष्पक्षता, न्याय और (वह) सबकुछ बजट के भीतर है या नहीं.' बेदी ने आरोप लगाया कि पुडुचेरी सरकार चाहती है कि वह उनके फाइलों पर मुहर लगाने वाली और एक 'रबड़ स्टांप' के रूप में काम करें, लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगी.
पारित प्रस्ताव में वास्तव में उपराज्यपाल के अधिकारों में कटौती की मांग की गई है. प्रस्ताव पारित किए जाने के पहले विपक्षी एआईएनआरसी के दो सदस्यों ने किरण बेदी का पक्ष लेते हुए सदन में इसका जोरदार विरोध किया था. नारायणसामी ने उपराज्यपाल के क्षेत्रों का दौरा करने, राज निवास में अधिकारियों से मुलाकात करने, वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बैठकें करने तथा सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश भेजने पर गहरी आपत्ति जताई थी.मुख्यमंत्री ने कहा था कि उपराज्यपाल को मनमाने तरीके से फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें निर्वाचित मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर तथा उसकी सहमति से काम करना चाहिए.
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हालांकि किरण बेदी इस पर कहती रही हैं कि वह एक 'रबड़ स्टांप' नहीं हैं और एक प्रशासक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं. केंद्रशासित प्रदेश में वी. नारायणसामी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार का किरण बेदी से टकराव रहा है. मैं फाइलों की जांच करूंगी क्योंकि एक प्रशासक के तौर पर यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि विवेकपूर्ण वित्तीय व्यवस्था, निष्पक्षता, न्याय और (वह) सबकुछ बजट के भीतर है या नहीं.' बेदी ने आरोप लगाया कि पुडुचेरी सरकार चाहती है कि वह उनके फाइलों पर मुहर लगाने वाली और एक 'रबड़ स्टांप' के रूप में काम करें, लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगी.
A chapter in the book?
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) July 21, 2017
Authors included...! pic.twitter.com/6pLnzpEUYf
This is series of posters.
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) July 21, 2017
Here another one which showed the Lt Gov being chased away.. pic.twitter.com/2YumRQBI6Z
पिछले महीने ही पुडुचेरी विधानसभा ने उपराज्यपाल किरण बेदी के काम करने के तरीकों पर अंकुश लगाने के मकसद से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के नेतृत्व वाली निर्वाचित सरकार को व्यापक अधिकार दिए जाने पर बल दिया गया है.Part of a series.. pic.twitter.com/zzsdvhuMcw
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) July 21, 2017
पारित प्रस्ताव में वास्तव में उपराज्यपाल के अधिकारों में कटौती की मांग की गई है. प्रस्ताव पारित किए जाने के पहले विपक्षी एआईएनआरसी के दो सदस्यों ने किरण बेदी का पक्ष लेते हुए सदन में इसका जोरदार विरोध किया था. नारायणसामी ने उपराज्यपाल के क्षेत्रों का दौरा करने, राज निवास में अधिकारियों से मुलाकात करने, वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बैठकें करने तथा सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश भेजने पर गहरी आपत्ति जताई थी.मुख्यमंत्री ने कहा था कि उपराज्यपाल को मनमाने तरीके से फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें निर्वाचित मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर तथा उसकी सहमति से काम करना चाहिए.
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