केरल में वैक्सीनेशन नहीं तो मुफ्त इलाज नहीं मिलेगा, शिक्षकों पर भी होगी सख्ती

Kerala Vaccination : केरल में लंबे समय से कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. केरल सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त लिया है, जब भारत समेत दुनिया भर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है.

केरल में वैक्सीनेशन नहीं तो मुफ्त इलाज नहीं मिलेगा, शिक्षकों पर भी होगी सख्ती

केरल में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सीएम पी विजयन ने सख्ती का किया ऐलान

नई दिल्ली:

केरल (Kerala)  सरकार ने कोविड वैक्सीनेशन (Covid Vaccination) से दूरी बनाने वाले लोगों पर सख्ती का संकेत दिया है. कोरोना के जिन मरीजों ने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई है और कोविड संक्रमण की चपेट में आ गए हैं तो उन्हें मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं मिलेगी. केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने मंगलवार को कहा कि टीकाकरण जैसे उपायों का पालन नहीं करने वालों को मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं दी जाएगी.कोरोना समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे लोगों के इलाज का खर्च नहीं उठाएगी जिन्होंने वैक्सीनेशन नहीं कराया और संक्रमण की चपेट में आ गए.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि बीमारी या एलर्जी के चलते टीकाकरण कराने में असमर्थ लोगों को सरकारी डॉक्टर का प्रमाणपत्र पेश करना होगा.मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी कारणवश टीचर और स्कूल-कॉलेज के कर्मचारी कोविड टीका नहीं लगवा पाए हैं तो उन्हें डॉक्टर का प्रमाणपत्र पेश करना होगा या कक्षाएं लेने से पहले टीकाकरण करवाना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें हर सप्ताह अपने खर्च पर आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट पेश करनी होगी.

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ये निर्देश कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर काम करने वाले कर्मचारियों पर भी लागू रहेंगे. इससे पहले, केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा था कि टीका नहीं लगाने वाले किसी भी शिक्षक को परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा और उन्हें ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करनी होंगी. विजयन ने कहा कि केरल में 1 से 15 दिसंबर के बीच विशेष टीकाकरण अभियान चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं. जिलाधिकारियों को तैयारियां करने को कहा गया है. 

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गौरतलब है कि केरल में लंबे समय से कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. केरल सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त लिया है, जब भारत समेत दुनिया भर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है. इससे पहले कोविड के डेल्टा वैरिएंट ने भारत में अप्रैल-मई के दौरान कहर बरपाया था. इसमें हजारों लोगों की जान गई थी.