केरल विधानसभा में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार के खिलाफ कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव सोमवार को 40 के मुकाबले 87 मतों से गिर गया. विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन ने यह घोषणा की. अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने से पहले मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी ‘दयनीय हालत' में है और कांग्रेस के अधिकतर नेता भाजपा में शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं.
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गौरतलब है कि वर्ष 2005 में केरल की तत्कालीन कांग्रेस की ओमन चांडी सरकार के खिलाफ माकपा विधायक कोडियेरी बालाकृष्णन द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के 15 साल बाद केरल विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था.
राज्य की 140 सदस्यीय विधानसभा में नौ घंटे तक चली बहस के बाद मतविभाजन में इस प्रस्ताव के विरोध में 87 वोट पड़े जबकि पक्ष में महज 40 मत ही पड़े. यूडीएफ की सहयोगी केरल कांग्रेस जोश के मणि गुट के दो सदस्य मतविभाजन के दौरान अनुपस्थित रहे. भाजपा के एकमात्र सदस्य ओ राजगोपालन ने भी मत विभाजन में हिस्सा नहीं लिया. विजयन ने कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर चल रही गतिरोध का संदर्भ देते हुए कहा कि पार्टी नेता नहीं चुन पा रही है और वरिष्ठ नेता एक- दूसरे को भाजपा का एजेंट करार दे रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के अधिकतर नेता भाजपा में शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं