प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
राजग सरकार के महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो कार्यक्रम के तहत केन बेतवा लिंक परियोजना पर अगले दो महीने में काम शुरू होने की उम्मीद है. बुंदेलखंड क्षेत्र की महात्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना की मूल विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में इसे दो चरणों में पूरा किया जाना था. जल संसाधन मंत्रालय ने मूल परियोजना रूपरेखा में परिवर्तन करते हुए अब दोनों चरणों को एक साथ मिला दिया है. जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हमारे मंत्रालय के वरिष्ठ मंत्री के नेतृत्व में हमने उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश से इस विषय पर बात की है और इस बारे में सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है. यह पूछे जाने पर कि परियोजना कब तक शुरू होगी, उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि अगले दो महीने में शुरू हो सकती है.
यह भी पढ़ें: इस विवाद की वजह से 25 जनवरी को कर्नाटक बंद का ऐलान, आईटी कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह
जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय द्वारा केन बेतवा लिंक के प्रथम और द्वितीय चरण को मिलाने का फैसला मध्यप्रदेश सरकार के आग्रह पर किया गया है. इसके कारण इस परियोजना के संबंध में कुछ आवश्यक मंजूरी पर मंत्रालय काम कर रहा है. दोनों चरणों को साथ मिलाने पर परियोजना की लागत में भी वृद्धि होने का भी अनुमान है. दूसरी ओर, सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना का उद्घघाटन प्रधानमंत्री से कराये जाने की उम्मीद है. हालांकि, इसकी तिथि और स्थान अभी तय नहीं है. परियोजना के दोनों चरणों को साथ मिलाने के बाद इसकी अनुमानित लागत 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच केन-बेतवा नदी को जोड़ने वाली योजना पर सहमति बन गई है.
यह भी पढ़ें: पड़ी इतनी ठंड की नदी में जम गया मगरमच्छ, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
सूत्रों ने बताया कि सभी प्रकार की कानूनी स्वीकृतियां प्राप्त होने के बाद परियोजना को जब कार्यान्वित करने का समय आया तो मध्यप्रदेश सरकार ने पानी के आवंटन को लेकर नई मांग रख दी जिसके बाद इस पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ जल संसाधन मंत्री ने बैठक की थी. मध्यप्रदेश ने कथित तौर पर जोर दिया था कि निचला ओर्र बांध, बीना कम्प्लेक्स और कोठा बैराज परियोजना से जुड़े कार्यो को पहले चरण में लिया जाये. मूल परियोजना ढांचे में इन तीनों परियोजनाओं को दूसरे चरण में लिया जाना था. सूत्रों ने बताया कि अब मध्यप्रदेश के साथ मुद्दों को सुलझा लिया गया है और अब दोनों चरणों को मिलाकर एक ही चरण में काम पूरा किया जायेगा. परियोजना का वित्तपोषण केंद्र और राज्य के बीच 90 : 10 के अनुपात में होगा.
VIDEO: GROUND REPORT : वाराणसी में गंगा के वजूद पर संकट
राजग सरकार की महत्त्वाकांक्षी 'नदी जोड़ो योजना' के तहत केन और बेतवा नदी को जोड़ने के प्रयासों के बीच अब भी यह सवाल उठ रहा है कि केन में अक्सर आने वाली बाढ़ में बर्बाद होने वाला पानी क्या बेतवा में पहुंचकर हजारों एकड़ खेतों में फसलों को लहलहाएगा और तब पन्ना बाघ अभयारण्य का क्या होगा? वहीं, सरकार का कहना है कि यह परियोजना बुंदेलखंड के लोगों के लिये खुशहाली की सौगात लायेगी. इससे पेयजल उपलब्धता के साथ सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाया जा सकेगा. इसके कारण लोगों का पलायन भी रूकेगा. इससे उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में कई लाख हेक्टेयर भूमि को भी सिंचित किया जा सकेगा.
यह भी पढ़ें: इस विवाद की वजह से 25 जनवरी को कर्नाटक बंद का ऐलान, आईटी कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह
जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय द्वारा केन बेतवा लिंक के प्रथम और द्वितीय चरण को मिलाने का फैसला मध्यप्रदेश सरकार के आग्रह पर किया गया है. इसके कारण इस परियोजना के संबंध में कुछ आवश्यक मंजूरी पर मंत्रालय काम कर रहा है. दोनों चरणों को साथ मिलाने पर परियोजना की लागत में भी वृद्धि होने का भी अनुमान है. दूसरी ओर, सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना का उद्घघाटन प्रधानमंत्री से कराये जाने की उम्मीद है. हालांकि, इसकी तिथि और स्थान अभी तय नहीं है. परियोजना के दोनों चरणों को साथ मिलाने के बाद इसकी अनुमानित लागत 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच केन-बेतवा नदी को जोड़ने वाली योजना पर सहमति बन गई है.
यह भी पढ़ें: पड़ी इतनी ठंड की नदी में जम गया मगरमच्छ, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
सूत्रों ने बताया कि सभी प्रकार की कानूनी स्वीकृतियां प्राप्त होने के बाद परियोजना को जब कार्यान्वित करने का समय आया तो मध्यप्रदेश सरकार ने पानी के आवंटन को लेकर नई मांग रख दी जिसके बाद इस पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ जल संसाधन मंत्री ने बैठक की थी. मध्यप्रदेश ने कथित तौर पर जोर दिया था कि निचला ओर्र बांध, बीना कम्प्लेक्स और कोठा बैराज परियोजना से जुड़े कार्यो को पहले चरण में लिया जाये. मूल परियोजना ढांचे में इन तीनों परियोजनाओं को दूसरे चरण में लिया जाना था. सूत्रों ने बताया कि अब मध्यप्रदेश के साथ मुद्दों को सुलझा लिया गया है और अब दोनों चरणों को मिलाकर एक ही चरण में काम पूरा किया जायेगा. परियोजना का वित्तपोषण केंद्र और राज्य के बीच 90 : 10 के अनुपात में होगा.
VIDEO: GROUND REPORT : वाराणसी में गंगा के वजूद पर संकट
राजग सरकार की महत्त्वाकांक्षी 'नदी जोड़ो योजना' के तहत केन और बेतवा नदी को जोड़ने के प्रयासों के बीच अब भी यह सवाल उठ रहा है कि केन में अक्सर आने वाली बाढ़ में बर्बाद होने वाला पानी क्या बेतवा में पहुंचकर हजारों एकड़ खेतों में फसलों को लहलहाएगा और तब पन्ना बाघ अभयारण्य का क्या होगा? वहीं, सरकार का कहना है कि यह परियोजना बुंदेलखंड के लोगों के लिये खुशहाली की सौगात लायेगी. इससे पेयजल उपलब्धता के साथ सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाया जा सकेगा. इसके कारण लोगों का पलायन भी रूकेगा. इससे उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में कई लाख हेक्टेयर भूमि को भी सिंचित किया जा सकेगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं