सामाजिक कार्यकर्ता और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में अण्णा हजारे के सहयोगी रहे स्वामी अग्निवेश ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के मुख्य संयोजक अरविंद केजरीवाल पर कई संगीन आरोप लगाए हैं।
अग्निवेश ने अपना आरोप दोहराया कि केजरीवाल ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान अण्णा हजारे को इस बात के लिए मजबूर किया था कि वह अपना आमरण अनशन लंबा खींचें, जबकि तत्कालीन केंद्र सरकार इस आंदोलन की मांगें मानने को सहमत हो गई थी।
75 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने दावा किया, 'सरकार द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की मांगें मानने पर सहमति जताने के बावजूद केजरीवाल ने मेरे सामने कहा था कि हजारे अपने अनशन को 10 से 15 दिन और खींच सकते हैं। केजरीवाल ने यह भी कहा था कि क्रांति बलिदान मांगती है।' उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि केजरीवाल चाहते थे कि हजारे अनशन करते-करते दम तोड़ दें, ताकि भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन की बागडोर उनके हाथ में आ जाए।'
इसके अलावा उन्होंने केजरीवाल के कथित 'अधिनायकवादी स्वभाव' को पार्टी में मतभेद उभरने की वजह बताते हुए कहा कि केजरीवाल अपने आगे किसी की चलने नहीं देते हैं।
अग्निवेश ने संवाददाताओं से कहा, 'केजरीवाल अधिनायकवादी स्वभाव के हैं। वह अपने आगे किसी दूसरे व्यक्ति की चलने नहीं देते हैं। मैंने उनका यह स्वभाव सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की अगुवाई में हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के वक्त भी देखा है।'
उन्होंने कहा, 'मैंने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान प्रशांत भूषण को केजरीवाल के रवैये को लेकर चेतावनी दी थी, लेकिन भूषण उस वक्त चुप्पी साध लेते थे। आज उन्हें केजरीवाल के व्यवहार का परिणाम खुद भुगतना पड़ रहा है और आप में लगातार मतभेद उभर रहे हैं।'
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