यह ख़बर 15 जुलाई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

अब कश्मीर की आज़ादी की बात की वेद प्रताप वैदिक ने, सरकार को देनी पड़ी सफाई

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात उद दावा के प्रमुख और 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद से मुलाकात के बाद विवादों में घिरे रामदेव के करीबी और वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक अब कश्मीर पर अपने विवादित बयान को लेकर घिर गए हैं। वैदिक ने पाकिस्तानी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि दोनों कश्मीर तैयार हों तो मिलकर आजादी की बात होनी चाहिए।

29 जून को वेदप्रताप वैदिक ने डॉन न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा था कि दोनों कश्मीर तैयार हों तो उन्हें मिलाकर आजादी की बात होनी चाहिए। हालांकि अब वह अपने इंटरव्यू से थोड़े पलटते नजर आ रहे हैं। वह कह रहे हैं कि उन्होंने आजादी की बात कही है अलगाव की नहीं। इस बीच राहुल गांधी ने भी वैदिक को आरएसएस का आदमी बताया और पूरे मामले की जांच की मांग की।

इस मामले को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने वैदिक की गिरफ्तारी की मांग की। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा कि कश्मीर पर ऐसा रुख रखने वालों से हमारा कोई संबंध नहीं है। कश्मीर पर हमारा रुख बिल्कुल साफ है। वहीं विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में कहा कि वैदिक का पाकिस्तान दौरा निजी था। दोनों नेताओं ने यह साफ किया कि वेद प्रताप वैदिक की यात्रा से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।

वहीं रामदेव ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वैदिक मामले की जानकारी मीडिया से मिली। वह मेरे दूत के रूप में नहीं मिले थे। वह एक स्वतंत्र पत्रकार हैं और किसी से भी मिल सकते हैं।

उधर, इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार इफ़्तेख़ार शरीज़ी ने साफ किया कि पाकिस्तान में वैदिक ने खुद को पीएम मोदी का करीबी जताया। शरीज़ी ने यह भी कहा कि उनके मुताबिक, वैदिक निजी दौरे पर ये मुलाकातें नहीं कर रहे थे। उन्होंने पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ से भी मुलाकात की। ऐसे में यह निजी स्तर की मुलाकातें नहीं हो सकतीं।

आरएसएस ने भी इस मामले में वैदिक से पल्ला झाड़ा है। राम माधव ने कहा है कि सलमान खुर्शीद के साथ घूमने वाले आरएसएस। उनका आरएसएस से कोई संबंध नहीं है। सलमान खुर्शीद के साथ घूमने वाले आरएसएस में नहीं होते।

वहीं रक्षा मामलों के जानकार सुशांत सरीन ने एनडीटीवी के प्राइम टाइम में बताया कि उन्हें पाकिस्तान से ऐसी जानकारी मिली है कि वैदिक ने पाकिस्तान में खुद को मोदी के करीबी और उनके प्रतिनिधि के तौर पर पेश किया, हालांकि वैदिक ने इसे पूरी तरह से खारिज किया।

इससे पूर्व सोमवार को  हाफिज सईद के साथ वेद प्रताप वैदिक की मुलाकात का मुद्दा संसद के दोनों सदनों में उठा और कांग्रेस सदस्यों ने पत्रकार की गिरफ्तारी तथा सरकार से इस पर जवाब दिए जाने की मांग थी, जिस पर वित्तमंत्री अरुण जेटली को भी सफाई देनी पड़ी थी।

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वहीं वैदिक ने कांग्रेस के उन आरोपों को गलत बताया कि वह सरकार के दूत के रूप में हाफिज से मिले थे। वैदिक ने कहा कि वह ‘किसी के दूत नहीं है बल्कि स्वयं के दूत हैं। हाफिज से अपनी मुलाकात को सही बताते हुए उन्होंने कहा कि वह हर तरह के लोगों से मुलाकात करते हैं और यह उनके लिए ‘साधारण बात’ है।