जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी हिरासत को लेकर कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को एक सप्ताह का नोटिस देकर जवाब मांगा है. राज्यसभा सांसद वाइको की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही थी. इस बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फारूक अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत में हिरासत में रखे जाने को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला.
I condemn the application of the draconian PSA against Farooq Abdullah.
— AIMIM Official (@aimim_national) September 16, 2019
How can he be a threat if the @PMOIndia himself met him a day before the abrogation of #Article370.
An 80-year-old former CM has been clubbed with separatist Masarat Alam. What message is the BJP sending? pic.twitter.com/PwS5qjtUXl
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि संसद में आर्टिकल 370 बिल लाने से पहले फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बैठकर मुलाकात की. इसे सारी दुनिया ने देखा. अब उन्हें PSA (Public Safety Act) के तहत हिरासत में कैसे रखा जा सकता है? वह देश के लिए खतरा कैसे हो सकते है. जब प्रधानमंत्री को किसी से खतरा होगा तो वह क्यों मिले उनसे. वहीं, इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने संसद में चीख-चीखकर बताया कि न उनको डिटेन किया गया है और न ही हिरासत में रखा गया है.
उन्होंने कहा कि मशरत आलम एक अलगाववादी है, वहीं, फारूक अब्दुल्ला पूर्व मुख्यमंत्री हैं. तो आपने दोनों को मिला दिया. दोनों को PSA के तहत नजरबंद किया गया है. आपको 80 साल के शख्स से डर हो रहा है? आपने फारूक अब्दुल्ला और मशरत आलम (Masarat Alam) दोनों को मिला दिया. इसका मतलब यह है कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं है. उन्होंने कहा कि जब आपने एक 80 साल के पूर्व मुख्यमंत्री पर पीएसए लगा रखा है तो इसका मतलब यह है कि कश्मीर में हालात सामन्य नहीं है. आप जो बोल रहे हैं वह सरासर झूठ है. प्रधानमंत्री संसद में बिल आने से पहले मिलते हैं उस समय वह देश के लिए खतरा नहीं थे अब हो गए हैं.
राज्यसभा सांसद वाइको की याचिका पर CJI रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ ने सुनवाई की. याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार से पूछा 'क्या वो हिरासत में हैं?' इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा हम सरकार से निर्देश लेंगे. वाइको के वकील ने कोर्ट से कहा कि फारूक अब्दुल्ला बाहर नहीं निकल सकते, कश्मीर में अधिकारों का हनन हो रहा है. कोर्ट ने वकील से कहा कि अपनी आवाज तेज ना करें. सुप्रीम कोर्ट ने वाइको की फारुक अब्दुल्ला को रिहा करने की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है. केंद्र सरकार ने इसका विरोध किया और कहा कि नोटिस की जरूरत नहीं है. इस मामले पर 30 सितंबर को अगली सुनवाई होगी.
VIDEO: पूर्व मुख्यमंत्री फारूक़ अब्दुल्ला को PSA के तहत हिरासत में लिया गया
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